नई दिल्ली (एजेंसी)। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के अध्यक्ष जज अब्दुलकवी युसूफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया कि पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में वियना संधि के तहत पाकिस्तान अपने दायित्वों का उल्लंघन किया है। उन्होंने बुधवार को 193 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सामने आईसीजे की रिपोर्ट को पेश किया।
युसूफ ने अपने 17 जुलाई को आए फैसले में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख न्यायिक अंग ने पाकिस्तान को विएना संधि के नियम 36 के तहत अपने कर्तव्यों का उल्लंघन किया है। उसने इस मामले में आवश्यक कदम नहीं उठाए। आईसीजे ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है।
जाधव भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं जिन्हें पाकिस्तान ने कथित जासूसी और आतंकवाद के आरोपों को लेकर मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान ने जाधव के मामले का ट्रायल अप्रैल 2017 को बंद कर दिया था। आईसीजे में भारत ने कहा था कि 1963 की विएना संधि के अनुसार उनके नागरिक को मिलने वाली राजनयिक पहुंच नहीं दी गई।
युसूफ के नेतृत्व वाली पीठ ने अपने आदेश में पाकिस्तान को कुलभूषण सुधीर जाधव मामले में सजा की समीक्षा और पुनर्विचार करने का आदेश दिया है। जाधव मामले में यूएनजीए के समक्ष रिपोर्ट पेश करते हुए युसूफ ने कोर्ट के फैसले के कई पहलुओं पर विस्तार से बताया।
उन्होंने बताया कि अदालत को यह देखना था कि विएना संधि के नियम 36 के अनुसार राजनयिक पहुंच को लेकर कोई अधिकार है, क्या ऐसी परिस्थिति में जब किसी व्यक्ति पर जासूसी करने का शक हो तो उसे इन अधिकारों से वंचित किया जा सकता है? अदालत ने पाया कि विएना संधि में जासूसी के मामलों का कोई संदर्भ नहीं है।