कारीगरों की कमी से गोल्ड-डायमंड सेक्टर की बढ़ी मुश्किलें, निर्यात को नुकसान

लॉकडाउन की वजह से कारीगरों की कमी ने गोल्ड और डायमंड सेक्टर को बुरी तरह प्रभावित किया है. कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए लगे लॉकडाउन की वजह से गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी फैक्टरियों में काम करने वाले प्रवासी कामगार अपने घर लौट गए थे. सूरत और मुंबई के गोल्ड-डायमंड ज्वैलर्स निर्यातकों ने अपना ऑर्डर पूरा करने के लिए और समय मांगा है. कारीगरों के न रहने से ज्वैलरी मेकिंग का काफी धीमा हो गया है. निर्यातकों का कहना है कि दिवाली तक कारीगरों के लौटने के आसार नहीं दिख रहे.

निर्यातकों का कहना है कि 4-5 सप्ताह में पूरे होने वाले ऑर्डर अब छह-सात सप्ताह में पूरे हो रहे हैं. निर्यातकों का कहना है कि अगर ऑर्डर पूरा होने में देर हुई तो यहां का काम शिफ्ट होकर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में चला जाएगा. जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट काउंसिल का कहना है अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति के बावजूद ज्वैलरी एक्सपोर्ट के ऑर्डर में कोई खास कमी नहीं आई है. एक्सपोर्ट बढ़ा है, जो सकारात्मक संकेत है.

काउंसिल का कहना है कि सूरत और मुंबई में काम करने वाले कई कारीगर काम पर लौटना चाहते हैं लेकिन ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा न होने की वजह से ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. कई लोग संकट की इस घड़ी में अपने परिवार को नहीं छोड़ना चाहते इसलिए काम पर नहीं लौट रहे हैं.
मुंबई में एक लाख कारीगर जेम्स-एंड ज्वैलरी सेक्टर में काम करते हैं. इनमें से दिवाली से पहले सिर्फ 50 हजार के लौटने की उम्मीद है. सूरत में गोल्ड ज्वैलरी बिजनेस में साढ़े लाख कारीगर काम करते हैं. इनमें से सिर्फ साढ़े तीन लाख कर्मचारी दिवाली से पहले लौट पाएंगे.कारीगरों के न लौटने से इस बार जेम्स-एंड ज्वैलरी सेक्टर की दिक्कतें काफी बढ़ सकती है. कई कंपनियों ने कारीगरों को वापस बुलाने की लिए ज्यादा सैलरी और आकर्षक ऑफर देने शुरू किए हैं. लेकिन पर्याप्त संख्या में कारीगर अभी नहीं लौट पाए हैं.

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