नई दिल्ली (एजेंसी). कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत मामला दर्ज होने को लेकर सवाल किया. उन्होंने पूछा कि किस आधार पर दोनों नेताओं के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्री रिहाई के हकदार हैं.
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प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सवाल किया, “किस आधार पर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पीएसए लगाया गया है?” उन्होंने कहा, “उमर और महबूबा ने भारत के संविधान को कायम रखा, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का अनुपालन किया और कभी भी हिंसा एवं विभाजन से संबंध नहीं रखा. वे बिना किसी आधार के अनिश्चिकाल के लिए कैद में रखे जाने के नहीं, बल्कि रिहा किए जाने के हकदार हैं.”
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दरअसल, उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और महबूबा मुफ्ती की छह महीने की एहतियातन हिरासत पूरी होने से महज कुछ घंटे पहले छह फरवरी को उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया. इससे पहले दिन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया. मदनी महबूबा मुफ्ती के मामा हैं.
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अधिकारियों ने कल बताया कि पुलिस की मौजूदगी में मजिस्ट्रेट ने उस बंगले में जाकर महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को आदेश सौंपा जहां उन्हें नजरबंद रखा गया है. उन्होंने बताया कि उमर अब्दुल्ला के खिलाफ भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है. 5 अगस्त को केंद्र ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के साथ ही इसे दो केंद्र शासित हिस्सों में बांट दिया था. इन लोगों की छह महीने की एहतियातन हिरासत अवधि गुरुवार को खत्म हो रही थी.
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