जोशीमठ: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के बाद हालात गंभीर बने हुए हैं. इसके मद्देनजर भारत ने उत्तराखंड के जोशीमठ में सेना की मूवमेंट बढ़ा दी है. सीमा पर ITBP की और टुकड़ियां भेजी गईं हैं.
भारत के साथ झड़प में चीनी सेना का कमांडिंग ऑफिसर भी ढेर हुआ है. इसके अलावा 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं. हताहतों की संख्या का आंकलन झड़प वाली जगह से स्ट्रेचर्स और बाद में एंबुलेंस से निकाले गए चीनी सैनिकों पर आधारित है. चीनी हेलिकॉप्टरों की आवाजाही भी बढ़ गई है.
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों (सेना, नौसेना और वायु सेना) और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ बैठक बुलाई है. उन्होंने मौजूदा स्थिति पर भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की है.
भारतीय सेना और चीन के बीच कल गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं और भारतीय सेना ने इसकी पुष्टी कर दी है. हालांकि इस झड़प में कोई गोली नहीं चली है लेकिन संघर्ष इतना खूनी था कि भारत को अपने 20 अनमोल सैनिकों की शहादत सहनी पड़ी. साफ तौर पर चीन ने वादाखिलाफी की है और विदेश मंत्रालय के बयान से ये साफ है कि लाइन ऑफ एक्शन कंट्रोल (एलएसी) पर जो यथास्थिति थी, चीन उसे बदलना चाहता था.
भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद पूरे देश में गुस्सा है. तीन से चनाव पर राकेश सिन्हा ने कहा कि भारतीय सरकार, सेना और जनता तीनों एक चीज को लेकर प्रतिबद्ध है कि शहीद जवानों के एक एक बूंद खून का बदला लिया जाएगा.