नया वित्तीय वर्ष : आज से बदल गए ये 12 नियम, जान लें वरना हो सकता है नुकसान

नई दिल्ली(एजेंसी) : नया वित्तीय वर्ष (New Financial Year) की शुरुआत के साथ एक अप्रैल यानी आज से भारत में कई बड़े बदलाव हुए हैं। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। इन नए नियमों से जहां एक ओर आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इनमें रसोई गैस सिलिंडर के दाम, पेंशन, बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिया गया सस्ते कर्ज का तोहफा, आदि शामिल हैं। आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में।

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कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए भारत में 14 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन है। इस मुसीबत के बीच ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है। कंपनियों ने गैर-सब्सिडी एलपीजी गैस सिलिंडर यानी बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस की कीमतों में कटौती कर दी है। आज से 14.2 किलोग्राम वाले गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर के दाम दिल्ली में 61.5 रुपये सस्ता हो गया है। इसके बाद इसकी कीमत 744 रुपये रह गई है, पहले यह 805.50 रुपये का था। कोलकाता में इसका दाम घटकर 744.50 रुपये, मुंबई में 714.50 रुपये और चेन्नई में 761.50 रुपये हो गया है। जबकि पहले इन महानगरों में यह क्रमश: 839.50 रुपये, 776.50 रुपये और 826 रुपये हुआ करता था।

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इसके अतिरिक्त कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में भी कटौती कर दी है। दिल्ली में 19 किलोग्राम का रसोई गैस सिलिंडर 96 रुपये सस्ता हो गया है। पहले यह 1,381.50 रुपये का था, जो आज से ग्राहकों को 1,285.50 रुपये में मिलेगा। वहीं कोलकाता में इसकी कीमत घटकर 1,348.50 रुपये, मुंबई में 1,234.50 रुपये और चेन्नई में 1,402 रुपये हो गई है।मौजूदा समय में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी प्रदान करती है। अगर ग्राहक इससे ज्यादा सिलिंडर लेना चाहते है, तो वे उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदते हैं। गैस सिलिंडर की कीमत हर महीने बदलती है। इसकी कीमत औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक निर्धारित करते हैं।

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आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद सबसे पहले एसबीआई एक वक्तव्य में कहा है कि उसकी नई घटी दर बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर (ईबीआर) और रेपो दर से जुड़ी कर्ज दर (आरएलएलआर) के तहत कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर लागू होगी। नई ब्याज दर एक अप्रैल 2020 से प्रभावी हो गई हैं। एसबीआई ने बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर को 7.80 फीसदी से घटाकर 7.05 फीसदी वार्षिक कर दिया, जबकि आरएलएलआर को 7.40 फीसदी से घटाकर 6.65 फीसदी किया। कोरोना वायरस के चलते देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। इस बीच 1 अप्रैल यानी आज देश में 10 बैंकों का विलय होने जा रहा है, जिसके बाद यह चार बैंक में बदल जाएंगे और देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 2017 में 27 से घटकर 12 हो जाएगी। इससे खाताधारकों के लोन की ईएमआई, खाता नंबर, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, चेकबुक, एफडी पर ब्याज, बैंक ब्रांच, आईएफएससी कोड, आदि में बदलाव हो सकता है।

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एसबीआई के बाद बैंक ऑफ इंडिया ने भी ग्राहकों को राहत दी। बैंक ऑफ इंडिया ने आरबीआई द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देने का फैसला किया है। बैंक ऑफ इंडिया ने एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स में 75 आधार अंक यानी 0.75 फीसदी की कटौती कर दी है। इस कटौती के बाद एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट घटकर 7.25 फीसदी हो गई है। बैंक द्वारा ब्याज दरों में यह कटौती एक अप्रैल से प्रभावी हो गई हैं। इसके अतिरिक्त बैंक ने मार्जनिल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) में भी कटौती की है। यह 0.25 फीसदी कम हो गई है। यह कटौती सभी अवधि के लिए की गई है। एक महीने से एक साल तक की अवधि के लिए 0.25 फीसदी की कटौती की गई, जबकि रातभर की अवधि के लिए 0.15 फीसदी। एक साल के लिए बैंक का एमसीएलआर अब 7.95 फीसदी सालाना हो गया है।

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देशभर में बीएस6 पेट्रोल-डीजल की सप्लाई होगी। पेट्रोल वाली कारों में नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन 25 फीसदी तक और डीजल कारों में 70 फीसदी तक घटेगा। इससे ईंधन के खुदरा कीमतों में मामूली बढ़ोतरी संभव है। बजट 2020 में व्यक्तिगत आयकर की नई व्यवस्था में 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी, 5 से 7.5 लाख रुपये पर 10 फीसदी और 7.50 से 10 लाख रुपये पर 15 फीसदी की दर से कर लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा, 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख रुपये की आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा आय पर 30 फीसदी कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। नए सिस्टम में खास बात होगी कि बिना कोई बचत किए भी करदाता छूट प्राप्त कर सकेगा। हालांकि, ये पूरी तरह से वैकल्पिक व्यवस्था होगी।

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एक अप्रैल 2020 से विदेश यात्रा का पैकेज लेने पर पांच फीसदी टैक्स देना होगा। नए नियमों के मुताबिक पैकेज की कुल राशि का पांच फीसदी टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) के तहत अलग से देना होगा। वहीं पैकेज लेने वाले व्यक्ति के पास अगर पैन कार्ड नहीं है तो उसे पैकेज की राशि का 10 फीसदी टीसीएस के रूप में देना होगा। सभी मेडिकल डिवाइस ड्रग्स के दायरे में आएंगी। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा तीन के तहत इंसानों और जानवरों पर इस्तेमाल होने वाले उपकरण दवा की श्रेणी में होंगे। कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) के नए नियम लागू होंगे। रिटायरमेंट के 15 साल बाद फुल पेंशन की व्यवस्था यानी अप्रैल 2005 से पहले रिटायर करीब 6 लाख लोगों को ज्यादा पेंशन मिलेगी।

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बजट में कंपनियों और म्यूचुअल फंड्स हाउस की ओर से दिए जाने वाले डिविडेंड पर 10 फीसदी वितरण कर खत्म कर दिया गया है। अब यह टैक्स लाभांश पाने वाले निवेशक को देना होगा, जो उसके आयकर स्लैब के अनुरूप लागू होगा। बजट में स्टार्टअप के लिए आसान बनाए गए ईसॉप नियम बुधवार से लागू हो जाएंगे। इसके तहत स्टार्टअप को ईसॉप पर 5 साल बाद टैक्स का भुगतान करना होगा। एम्प्लाई स्टॉक ऑनरशिप प्लान (ईसॉप) के तहत कंपनियां अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए शेयरों में हिस्सेदारी देती हैं। अभी तक 200 शुरुआती स्तर के स्टार्टअप को ही ईसॉप का लाभ मिलता था

जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों मोबाइल पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया था। 1 अप्रैल से नई दरें लागू होने के बाद मोबाइल खरीदना महंगा हो गया है। नई दरें लागू होने के बाद 20 हजार रुपये का मोबाइल 1,200 रुपये और महंगा हो जाएगा।

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