नई दिल्ली(एजेंसी): पिछले कुछ सालों से हम चक्रवाती तूफान का अलग-अलग नाम सुनते आ रहे हैं. हुदहुद, तितली, उम्पुन, वायु, फनी प्रमुख रूप से तूफान के नाम सुनने को मिले हैं. अब एक और तूफान निसर्ग ने भारत के महाराष्ट्र और गुजरात में दस्तक दे दी है. मगर क्या आप जानते हैं तूफान का नाम कौन रखता है और कैसे रखा जाता है?
2000 में उष्णकटिबंधीय देशों जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यामांर, भारत, मालदीव, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका ने फैसला किया कि उनके क्षेत्रों में उठने वाले तूफान का नाम खुद रखेंगे. इन मुल्कों के सुझाव पर विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने तूफान के नामों की फेहरिस्त तैयार की. फिर उसके बाद 2018 में पांच अन्य मुल्कों ईरान, कतर, सऊदी अरब, यमन और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया.
मई के महीने में उम्पुन तूफान ने बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र में जबरदस्त तबाही मचाई. उसके बाद निसर्ग चक्रवाती तूफान आ गया. निसर्ग का नाम बांग्लादेश ने सुझाया था. 2020 में जारी 169 नामों की लिस्ट से इसे चुना गया. भारतीय मौसम विभाग ने अप्रैल 2020 में 169 तूफान के नामों की लिस्ट जारी की. अब भारत में जब कभी तूफान आने का पूर्वानुमान लगाया जाएगा तब इसका नाम रखने में मदद मिलेगी. उत्तरी भारत, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले तूफान के नाम रखने में सहूलियत हो जाएगी. IMD पर मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए भारत में तूफान का नाम रखने की जिम्मेदारी है.
इसके अलावा IMD 12 अन्य मुल्कों को एडवायजरी भी जारी करता है. जिससे उन्हें तूफान और आंधी के बारे में तैयार रहने की सूचना मिल जाती है. माना जाता है कि विशेष नाम के साथ जारी चेतावनी से बड़े वर्ग तक संदेश पहुंचाने में मदद मिलती है. इसके अलावा तूफान के नाम से वैज्ञानिकों, आपदा प्रबंधन और मीडिया के लिए भी आसानी होती है. खास वक्त में और खास जगह पर दो या दो से ज्यादा उठनेवाले तूफान के प्रति भ्रम भी दूर होता है. तूफान का नाम लोगों के नाम पर नहीं रखे जाते हैं. चक्रवाती तूफान के नाम की लिस्ट तैयार करते वक्त सख्त सरकारी मानक प्रक्रिया का पालन किया जाता है.