नई दिल्ली(एजेंसी): कोरोना काल में कई कंपनियां घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम की सलाह दे रही हैं. स्मार्टफोन्स, लैपटॉप और बाकी टेक्नोलॉजी को वर्क फ्रॉम होम में इस्तेमाल करने से आपके काम करने के घंटे बढ़ जाते हैं. इतना ही नहीं, इसके साथ ही स्ट्रेस, स्लीपिंग प्रॉब्लम्स भी बढ़ जाती हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि एक रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक मॉडर्न कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी फैसिलिटीज वर्क लाइफ बैलेंस करने के लिए बहुत अच्छी है. लेकिन घर पर काम करने का इनका विपरीत असर होता है. रिसर्च में पाया गया कि अलग-अलग तरह के एम्पलाई ऑफिस के बाहर ऑफिशियल वर्क करने के दौरान नई तरह की टेक्नीक्स का इस्तेमाल करते हैं.
रिपोर्ट में पाया गया कि जो लोग घर से काम करते हैं वे ना सिर्फ अधिक घंटों तक काम करते हैं बल्कि वे बेहद स्ट्रेस में भी काम करते हैं. इतना ही नहीं, काम के घंटे तय ना होने के कारण ऐसे लोगों की नींद भी डिस्टर्ब रहने लगती है.
रिसर्च में ये भी पता चला है कि लोग घर पर काम करते हैं तो लॉन्ग ऑवर्स तक काम करते हैं जबकि ऑफिस में ऐसा नहीं है. ऐसे में वर्कर्स की हेल्थ पर नेगेटिव इफेक्टव पड़ता है.