अक्षय कुमार ने लिया पीएम नरेंद्र मोदी का नॉन-पॉलिटिकल इंटरव्यू, जानें क्या बातें हुई

नई दिल्ली (एजेंसी)। बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नॉन पॉलिटिकल इंटरव्यू लिया। अक्षय कुमार ने पीएम मोदी से राजनीतिक सवालों को छोड़कर उनकी निजी जिंदगी से जुड़े तमाम अनसुने पहलुओं को टटोलने की कोशिश की। पीएम मोदी के साथ खिलाड़ी कुमार की हल्की फुल्की बातचीत को फैंस का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। ये इंटरव्यू सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू में अपने बचपन के संघर्ष, पारिवारिक जीवन, खान-पान और विपक्षी नेताओं के साथ अपनी दोस्ती जैसे तमाम पहलुओं पर बात की। जानिए पीएम मोदी के इस इंटरव्यू में क्या-क्या कहा।

अक्षय ने पीएम से आमों के प्रति उनके प्यार के बारे में पूछा तो मोदी पुरानी यादों में खो गए और बताया कि कैसे वे बचपन में आम का आनंद लेते थे। पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं छोटा था तो हमारे परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी की खरीद कर खा सकें, लेकिन हम खेतों में चले जाते थे और वहां पेड़ के पके आम खाते थे। मैं बिना धोए आम खा जाता था। लेकिन अब सावधानी बरतनी पड़ती है। पीएम ने कहा कि अब मैं ज्यादा आम नहीं खाता। मुझे अपने आहार पर ध्यान देना पड़ता है।

एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “मैंने कभी भी प्रधानमंत्री बनने के बारे में नहीं सोचा था, क्योंकि मेरी पृष्ठभूमि में ऐसा कुछ नहीं था कि मैं इस बारे में सोचूं। आम लोग ऐसी बातों पर विश्वास नहीं करते। ऐसे विचार (जैसे कि एक दिन प्रधानमंत्री बनना) केवल उन लोगों के मन में आ सकते हैं जो पृष्ठभूमि के साथ-साथ एक विशेष परिवार से ताल्लुक रखते हैं।”

मोदी ने कहा, “मुझे हमेशा आश्चर्य होता है कि देश मुझसे कैसे प्यार करता है और मुझे कितना कुछ देता है। एक समय मेरा मानना था कि या तो मैं संन्यासी बनूंगा या सेना में शामिल होना है। बचपन में मेरा स्वाभाव किताबें पढ़ना, बड़े-बड़े लोगों का जीवन पढ़ना था। कभी फ़ौज वाले निकलते थे तो बच्चों की तरह खड़ा होकर उन्हें सेल्यूट करता था।

पीएम मोदी ने बताया, “मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि ऐसी है जैसे अगर मुझे अच्छी नौकरी मिल जाती, तो मेरी मां ने पड़ोसियों को गुड़ बांटे होते, क्योंकि हमने कभी इससे आगे नहीं सोचा था। हमने कभी भी अपने गांव के बाहर कुछ नहीं देखा।”

इस दौरान पीएम मोदी ने बताया कि मेरी विपक्षी नेताओं से भी अच्छी दोस्ती है। गुलाम नबी आजाद के साथ मेरी अच्छी दोस्ती है। ममता दीदी तो साल में एक दो कुर्ते गिफ्ट भेजती हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जी साल में 3-4 बार खास तौर पर ढाका से मिठाई भेजती हैं। ममता दीदी को पता चला तो वो भी साल में एक-दो बार मिठाई जरूर भेज देती हैं।

मां के साथ रहने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, “मैं जिदंगी की छोटी आयू में सबकुछ छोड़ चुका हूं। उस समय जब घर छोड़ा था तो तकलीफ हुई थी। अभी भी मैं मां से मिल लेता हूं। मेरी मां कहती है कि मेरे लिए समय बर्बाद मत करो। मेरी मां जब यहां आती है तो मैं उन्हें समय नहीं दे पाता हूं। मैं अपने कामकाज़ में बिज़ी रहता हूं।” क्या आप अपनी सैलरी में से कुछ पैसे अपनी मां को भेजते हैं? इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “आज भी मेरी मां मुझे पैसे भेजती हैं। वह मुझे सवा रुपए जरूर देती हैं। मेरा परिवार मुझसे कोई मदद नहीं लेता है।”

मोदी ने बताया, “जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना तो मेरा बैंक अकाउंट नहीं था। जब विधायक बना तो सैलरी आनी लगी। स्कूल में देना बैंक के लोग आए थे। उन्होंने बच्चों को गुल्लक दी और कहा कि इसमें पैसे जमा करें और बाद में बैंक में जमा कर दें। लेकिन हमारे पास होता तब तो डालते। तब से अकाउंट यूं ही पड़ा रहा।”

सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर पूछे गए एक सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, “मैं सोशल मीडिया जरूर देखता हूं। इससे मुझे बाहर क्या चल रहा है, इसकी जानकारी मिलती है। मैं आपका भी और टविंकल खन्ना जी का भी ट्विटर देखता हूं और जिस तरह वह मुझपर गुस्सा निकालती हैं तो मैं समझता हूं की इससे आपके परिवार में बहुत शांति रहती होगी।” मोदी ने कहा कि “मुझे मीम बहुत पसंद है। लोगों की क्रिएटिविटी अच्छी लगती है। मैं ये नहीं देखता कि उन्होंने मोदी पर कोई मीम बनाया है।”

फिल्म देखने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर मोदी ने कहा, “गुजरात का सीएम रहते वक्त अमिताभ बच्चन के साथ ‘पा’ और अनुपम खेर के साथ ‘अ वेडनसडे’ फिल्म देखी थी। बचपन में दोस्तों के साथ कई फिल्में देखी। मैंने आपकी टॉयलेट एक प्रेम कथा नहीं देखी, लेकिन लोगों से देखने के लिए कहा था, क्योंकि वो एक सामाजिक मुद्दे पर बनी फिल्म थी। हमारे देश में बीमारी सबसे बड़ा मुद्दा है और उससे बचने के दो ही तरीके हैं स्वच्छता और फिटनेस।”

एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, “भावी पीढ़ी को अलादीन के चिराग की कहानी न सुनाएं। अगर मुझे अलादीन का चिराग मिल जाये तो मैं उसे कहूंगा की ये जितने भी समाजशास्त्री और शिक्षाविद हैं, उनके दिमाग में भर दो कि वो आने वाली पीढ़ियों को ये अलादीन के चिराग वाली थ्योरी पढ़ाना बंद कर दें। उन्हें मेहनत करने की शिक्षा दें।”

अक्षय कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा इंटरव्यू आप  यहाँ देख सकते है-

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