नई दिल्ली (एजेंसी) अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) : करीब एक महीने तक राजस्थान कांग्रेस के कुनबे में मचा कलह आलाकमान के दखल के बाद शांत तो हो गया लेकिन ये मामला पूरी तरह ख़त्म हो गया है ऐसा नहीं लगता. सचिन पायलट (Sachin Poilot) और उनके साथी विधायक घर वापसी कर चुके हैं, लेकिन सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) गुट के विधायक सचिन खेमे की बगावत से अब भी नाराज हैं. सचिन पायलट गुट के विधायक आज सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) से मुलाक़ात कर सकते हैं. इसके साथ ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी आज हो सकती है. मंगलवार की रात जैसलमेर में हुई विधायक दल की बैठक में कई विधायकों ने सचिन खेमे को लेकर अपनी नाराजगी भी जताई.
यह भी पढ़ें:
PM मोदी ने 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की नई व्यवस्था का किया लोकार्पण
अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) गुट के अब सभी विधायक जयपुर लौट आये है और बाड़ाबंदी पार्ट-3 के तहत सभी को जयपुर के होटल फेयरमौंट में भेज दिया गया है. पहले जयपुर के होटल में 18 दिन और फिर जैसलमेर में 12 दिन तक बाड़ाबंदी में रहे गहलोत गुट के सभी विधायक बुधवार को जयपुर लौट गए हैं. इन सभी को एयरपोर्ट से ही सीधे बाड़ाबंदी के लिए होटल फेयरमौंट भेज दिया गया. जैसलमेर के होटल सूर्यगढ़ में मंगलवार की रात को हुई बैठक में कई विधायकों ने सचिन पायलट और उनके समर्थकों की बगावत का मुद्दा उठाया.
यह भी पढ़ें:
छत्तीसगढ़: एक दिन में मिले करीब 500 कोरोना मरीज, कुल संक्रमितों की संख्या साढ़े 13 हजार के पार
अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) गुट के इन विधायकों ने कहा कि सचिन और उनके खेमे के लोगों को अगर सजा नहीं दी जा रही तो उन्हें इनाम भी नहीं दिया जाए. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने तो ये तक कह दिया कि अब अगर कोई दरवाजे पर आ ही गया तो उसे दुत्कारा नहीं जा सकता. जयपुर आये गहलोत गुट के कई विधायकों ने इस बात को माना कि विधायक दल की बैठक में ये सब बातें हुई थी.
यह भी पढ़ें:
Debit Card धोखाधड़ी से बचने के लिए SBI ने ग्राहकों को बताया तरीका, देखें डिटेल्स
कई विधायकों ने माना कि सचिन पायलट (Sachin Poilot) खेमे को लेकर तरह-तरह की बातें बैठक में हुईं लेकिन अब आला कमान का फैसला है इसलिए सब बातें ख़त्म हुईं. इन तमाम विधायकों की बातों से ये बात तो साफ़ है कि सचिन पायलट और उनके साथी विधायक आलाकमान के दखल के कारण घर तो लौट आये हैं लेकिन घरवाले उनकी वापसी से सहज नहीं हैं. इसलिए आगे सचिन और उनके समर्थक विधायकों की डगर इतनी आसान नहीं रहने वाली.
यह भी पढ़ें: