नई दिल्ली (एजेंसी)। प्लास्टिक कचरे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए कई भारतीय शहरों ने पर्यावरण के अनुकूल तरीकों का सहारा लिया है। चेन्नई, पुणे, जमशेदपुर और इंदौर के बाद, अब लखनऊ उन शहरों में शामिल हो गया है जो सड़कों को बनाने के लिए प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल कर रहा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर में प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल करके सड़क बनाना शुरू भी कर दिया है।
शुरूआती चरण में इस पर्यावरण के अनुकूल पहल का उपयोग गोमती नगर पुलिस स्टेशन से भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) लखनऊ तक सड़क बनाने के लिए किया जाएगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब एलडीए प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल सड़क बनाने में कर रहा है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की मुख्य अभियंता, इंदुशेखर सिंह ने कहा कि सड़क बनाने में हम 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल से बनने वाली सड़कों की मजबूती 40 से 50 प्रतिशत बढ़ जाती है और वो टिकाऊ भी रहती हैं। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में लगने वाले तारकोल में 8-10 फीसदी प्लास्टिक कचरा मिलाया जा रहा है जिससे बनने वाली सड़कें मजबूत होंगी।
इंदुशेखर सिंह ने कहा , “एलडीए सड़क निर्माण में केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) के सभी दिशानिर्देशों का पालन करेगा। हमने घोषणा की थी कि हम विश्व पर्यावरण दिवस पर भविष्य में सड़क निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग करेंगे। एलडीए अगले दो साल में इस पर और शोध करेगा ताकि यह पता चल सके कि इसमें और कितना सुधार हो सकता है।”