नई दिल्ली(एजेंसी): कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत की रक्षा नीति को लेकर अमित शाह पर शायराना अंदाज में निशाना साधा है. इसके जवाब में केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उन्हें उसी अंदाज में जवाब दिया हैं. भारत की रक्षा नीति को लेकर दिए गए शाह के बयान पर राहुल ने तंज कसा है. यह पहली बार नहीं है जब राहुल ने सरकार को निशाने पर लिया है. इससे पहले भी वो चीन के साथ सीमा विवाद के मसले को लेकर सरकार से सवाल पूछते रहे हैं.
राहुल गांधी ने अमित शाह के एक बयान को कोट करते हुए ट्वीट किया, ”सब को मालूम है ‘सीमा’ की हक़ीक़त लेकिन, दिल को ख़ुश रखने को, ‘शाह-यद’ ये ख़्याल अच्छा है.”
सब को मालूम है ‘सीमा’ की हक़ीक़त लेकिन,
दिल के ख़ुश रखने को, ‘शाह-यद’ ये ख़्याल अच्छा है।https://t.co/cxo9mgQx5K— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 8, 2020
अमित शाह ने कहा था कि ”भारत की रक्षा नीति को वैश्विक स्वीकृति मिली है. संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल के बाद पूरी दुनिया इस बात से सहमत है कि यदि कोई अन्य देश अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, तो यह भारत है.” बता दें कि इससे पहले राहुल ने चीन के साथ सैन्य गतिरोध को लेकर सवाल किया था. राहुल गांधी ने पूछा था कि क्या सरकार इस बात की पुष्टि कर सकती है कि किसी भी चीनी सैनिक ने भारत में प्रवेश नहीं किया है.
इसके जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक ट्विट किया हैं जिसमे उन्होंने कहा कि मिर्जा ग़ालिब का ही शेर थोडा अलग अंदाज में हैं.
‘हाथ में दर्द हो तो दवा कीजै, हाथ ही जब दर्द हो जाए तो क्या कीजै..
मिर्ज़ा ग़ालिब का ही शेर थोड़ा अलग अन्दाज़ में है। ‘
‘हाथ’ में दर्द हो तो दवा कीजै,
‘हाथ’ ही जब दर्द हो तो क्या कीजै.. https://t.co/k1fhnI6K4N— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 8, 2020
राहुल गांधी ने 29 मई को केंद्र सरकार पर हमला बोला था, एक ट्वीट में, राहुल गांधी ने कहा, “चीन के साथ सीमा की स्थिति के बारे में सरकार की चुप्पी संकट के समय में भारी अटकलों और अनिश्चितता को हवा दे रही है. भारत सरकार को स्पष्ट करना चाहिए और भारत को बताना चाहिए कि वास्तव में क्या हो रहा है.”
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया को अपने चौथे संबोधन के दौरान 26 मई को पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा था, “सीमा पर क्या हुआ, इसकी जानकारी सरकार को लोगों के साथ शेयर करना चाहिए.” उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ क्या हुआ और क्यों हुआ, लद्दाख में क्या हो रहा है ये सब स्पष्ट किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “लद्दाख और चीन का मुद्दा एक जीवंत मुद्दा है. यहां पारदर्शिता की आवश्यकता है.”