रायपुर (अविरल समाचार) : राजधानी में दो हफ्ते पहले तक कोरोना मरीजों को अस्पताल या कोविड सेंटरों में एक-एक बेड के लिए जूझना पड़ रहा था, लेकिन लाॅकडाउन के बाद से हालात धीरे-धीरे ऐसे संभले हैं कि लगभग हर सरकारी-निजी अस्पतालों और कोविड सेंटरों में वेटिंग तो दूर, कोविड बेड भी खाली मिलने लगे हैं। राजधानी में एम्स समेत 10 बड़े सरकारी अस्पताल-संस्थानों और इतने ही निजी अस्पतालों में रविवार तक बेड की स्थिति का आंकलन किया है। कुछ आंकड़े बता रहे हैं कि अब राजधानी में कोविड के मामले में हालत राहतभरी है, क्योंकि यहां उपलब्ध कुल 3242 बेड में से 1992 बेड अब खाली हैं। यह स्थिति हर अस्पताल में है। माना जा रहा है कि लाॅकडाउन की वजह से मरीजों की संख्या में थोड़ी कमी और होम आइसोलेशन की कामयाबी से यह स्थिति बन रही है।
रायपुर में एम्स, मेडिकल कॉलेज अंबेडकर कोविड अस्पताल व माना हॉस्पिटल समेत 15 सेंटर और एसआईसी कोविड हॉस्पिटल के साथ 28 निजी अस्पताल में कुल 3242 बेड में से 03 अक्टूबर तक सिर्फ 1250 बेड ही भरे हैं। मरीजों की संख्या लगातार कम होने से अब राजधानी के 43 कोविड हॉस्पिटल व सेंटर में 1992 बेड खाली हैं। यहाँ न तो सरकारी और न ही निजी अस्पताल में बेड को लेकर किसी तरह की मारामारी व कमी है।
राजधानी में पिछले 6 दिन में 28 सितम्बर से 03 अक्टूबर के बीच कुल 2693 मरीज मिले हैं। जबकि 15 दिन पहले तक यहाँ हर दिन करीब एक हजार मरीज मिल रहे थे। इनमें से आधे से ज्यादा मरीज मरीज होम आइसोलेशन में ही रह रहे हैं, इसलिए अस्पताल में कम ही मरीज भर्ती हो रहे हैं। इसके अलावा पहले के भर्ती मरीज भी अस्पताल व कोविड सेंटर से डिस्चार्ज होते जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से कई कोविड सेंटर में तो रोज सिर्फ 10 या 20 मरीज ही भर्ती हो रहे हैं।
राजधानी समेत प्रदेश के बड़े शहर व बस्तर तक के जिलों में भी ज्यादातर कोरोना मरीज होम आइसोलेशन ले रहे हैं और ठीक भी हो रहे हैं। प्रदेश में 4 अक्टूबर तक 38829 मरीजों ने होम अाइसोलेशन लिया था। इसमें से 25461 पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। अभी 11951 मरीज एक्टिव हैं। इनमें सर्वाधिक 10238 मरीज रायपुर में होम आइसोलेशन में रहे हैं। दुर्ग में 5213, बिलासपुर में 4253, राजनांदगांव में 2846 व रायगढ़ में 2151 मरीज घर पर रहकर स्वस्थ हो गए।
“राजधानी में मरीजों की संख्या कम हो रही है, जबकि रोजाना 2400 के आसपास टेस्ट हो रहे हैं, जिसमें से 80 फीसदी राजधानी में हैं। लोग अब सुरक्षा पर ध्यान दो रहे हैं। होम आइसोलेशन ने भी काफी राहत दी है। सभी सरकारी व निजी अस्पताल में 60-70 फीसदी बेड खाली हैं।”