नई दिल्ली (एजेंसी). सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो को लेकर अहम फैसला दिया है. दरअसल, मेट्रो की चौथी लाइन के लिए पेड़ों की कटाई की जाने वाली है. यह प्रस्तावित रूट वडाला (मुंबई) से कासरवडावली (ठाणे) जाएगी. एलिवेटेड मेट्रो लाइन के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जाने वाली है. पेड़ों की कटाई रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अब इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पेड़ों की कटाई पर दो सप्ताह के लिए रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत ने इस बाबत महाराष्ट्र सरकार और MMRDA (मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी) को आदेश दिया है. वडाला-कासरवडाली कॉरिडोर के अस्तिव में आने से मुंबई और उपनगरीय इलाके ठाणे का सफर बेहद आसान हो जाएगा.
मुंबई मेट्रो के लिए महानगर के आरे कॉलोनी इलाके में शेड का काम निर्माणाधीन है. फडणवीस सरकार के समय यहां पर शेड बनाने के लिए बड़ी तादाद में पेड़ों की कटाई की गई थी. आरे के स्थानीय लोगों ने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया था. इस मामले में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन तक किया था. इस मामले में पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया है.
उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद आरे में मेट्रो शेड को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. महाविकास अघाड़ी की सहयोगी पार्टी एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने 1 दिसंबर को बताया था कि उद्धव सरकार ने मेट्रो शेड के लिए आरे के बजाय एक अन्य स्थान का सुझाव दिया है. उनके मुताबिक, राज्य सरकार ने गोरेगांव स्थित RPF के परेड ग्राउंड में मेट्रो शेड बनाने का सुझाव विधानसभा के समक्ष रखा है. उनका कहना है कि ग्राउंड का एक बड़ा हिस्सा खाली ही रहता है, जहां आमतौर पर शादी जैसे समारोहों का आयोजन किया जाता है. नवाब मलिक ने बताया कि यह 102 एकड़ में फैला है.