मुंबई: भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने मुंबई की अस्थायी जेल की दयनीय हालत की पोल खोली है. रविवार को फोन पर उन्होंने अपने वकील और पारिवारिक सदस्यों को बताया कि खारघर में अस्थायी तौर पर बनाए गए जेल की हालत भवायह है. यहां 350 कैदियों को 6 रूम में रखा गया है जबकि उनके इस्तेमाल के लिए मात्र 6 टॉयलेट ही हैं. उन्होंने खुद अपने साथ 35 कैदियों के रहने की बात बताई.
स्पेशल कोर्ट की इजाजत से गौतम नवलखा को फोन पर अपने पारिवारिक सदस्यों से बात करने का मौका मिला. पिछले महीने नौलखा को दिल्ली की तिहाड़ जेल से मुंबई शिफ्ट किया गया था. उसके बाद मुंबई में क्वारंटीन सेंटर के तौर पर बनाए गए स्कूल में रखा गया है. उनकी सहयोगी सहबा हुसैन ने बताया, “15 दिनों बाद मेरी नवलखा से बातचीत हुई है.
गौतम नवलखा ने अस्थायी जेल की हालत के बारे में चिंताजनक बात बताई है. अस्थायी जेल में कैदियों को कॉरिडोर में सोना पड़ रहा है जहां ताजा हवा आने का कोई रास्ता नहीं है. 350 कैदियों के लिए 6 रूम और तीन टॉयलेट इस्तेमाल के लिए हैं. इसके अलावा नहाने के लिए एक बाथरूम में सिर्फ मग और बाल्टी है. मैं जेल की हालत और कैदियों के बीमार पड़ने के खतरे को देख उनकी सेहत के बारे में चिंतित हूं.
जेल में क्षमता से ज्यादा कैदियों के होने पर कोरोना वायरस के अलावा त्वचा संक्रमण का खतरा है. ये नवलखा जैसे सियासी कैदियों के लिए चिंताजनक और अमानवीय सलूक है.” उन्होंने आरोप बाहरी दुनिया के बारे में कैदियों को सूचना नहीं मुहैया कराई जा रही है. आपको बता दें कि पिछले महीने राज्य के जेल विभाग ने कैदियों को अन्य जेलों में भेजने से पहले अस्थायी जेल स्थापित किया था. अस्थायी जेल में कैदियों को शुरुआत में 21 दिनों के लिए रखा जाना था. उसके बाद उनके स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग कर जेलों में भेजा जाता मगर 21 दिन गुजरने के बावजूद खारघर स्कूल के कैदियों के सेंट्रल जेल नहीं भेजा गया है.