नई दिल्ली (एजेंसी)। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद 40 सीआरपीएफ जवानों में ज्यादातर के शव इतने क्षत-विक्षत हो गए थे कि साथी जवान आधार कार्ड, छुट्टी की अर्जी और सेना के परिचय पत्र से ही उनकी पहचान कर पाए। अधिकारियों ने बताया कि धमाके में शवों की हालत ऐसी हो गई थी कि पहचान करना मुश्किल था। उनकी जेबों से मिले कागजात और अन्य सामान से ही पहचान की जा सकी। कुछ शहीदों के साथियों ने घड़ियों या वालेट से उनकी पहचान की। सीआरपीएफ के काफिले में 78 गाड़ियां थीं और करीब 2547 जवान शामिल थे। हाई इन्टेनसिटी प्रभाव वाले विस्फोटक से हुए धमाके में शव क्षत विक्षत हो गए। ऐसे में जवानों की पहचान कर पाना काफी मुश्किल हो गया था।
जम्मू कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ के अधिकारियों ने जवानों के परिवार को हजारों फोन करने जैसा कठिन काम भी किया है। उन्होंने उन्हें जानकारी दी है कि शहीद जवानों की पहचान सही हुई है और कोई लापता नहीं है। एक जवान दिल्ली में पाया गया जबकि एक जम्मू में किसी जरूरी काम के चलते काफिले में शामिल नहीं हो पाया था।
दिल्ली स्थित सीआरपीएफ के मुख्यालय ने 40 शहीद जवानों की सूची शुक्रवार शाम जारी की थी। जवानों की पहचान फोरेंसिक प्रोफाइलिंग और उनके सामान द्वारा की गई। ये सामान हमले वाली जगह से बरामद किया गया जिसके बाद पहचान पता करने का काम हुआ।