ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे
(अविरल समाचार) असाध्य रोग और पारीवारिक अशांति का कारण पितृ दोष को ही माना गया है| संतान सम्बंधी समस्या जैसे विवाह न होना, विकृति होना, रोजगार न मिलना और मानसिक समस्या का होना आदि पितृ दोष के कारण ही उत्पन्न होते हैं| पितृ पक्ष (pitru paksh) में पितरों को प्रतिदिन तर्पण देने के साथ ही एक निर्दिष्ट प्रक्रिया का पालन किया जाये तो, इन सभी समस्याओं से मुक्ति अवश्य मिलेगी|
1. जिस तिथि को घर के पूर्वज गुजरें हों उस तिथि को उपवास रखें और उनकी मन पसन्द खाध्य सामग्री का दान करें|
2. सोमवार को काला तिल,चावल और गुड दोपहर को श्वेत गाय को खिलायें और अधिक से अधिक पानी पिलायें। गाय को प्रणाम करें और अपने उन्नति तथा समस्या के समाधान हेतु प्रार्थना करें। इस प्रक्रिया को प्रत्येक अमावास्या को दोहरायें। समस्या का समाधान अवश्य होगा।
3. सोमवार को काली उडद, काला छाता और पानी से भरा घडा किसी वृद्ध, ब्राह्मण या किसी जरूरतमन्द को दान करें। इस प्रक्रिया को पाँच अमावस्या तक दोहराये। लाभ होगा।
4. काली रंग की वस्तुओं का त्याग करें| अशुद्धि से दूर रहें|