नई दिल्ली (एजेंसी). एक तरफ पूरे देश में निर्भया (Nirbhaya) के दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग उठ रही है. वहीं, दूसरी तरफ दोषियों के वकील ए पी सिंह ने कहा, ‘क्या कोई इस बात की गारंटी दे सकता है कि इन चारों को फांसी पर लटकाने के बाद देश में रेप होने बंद हो जाएंगे. वहींं, संसद में बैठने वाले लोग यह कहते हैं कि ऐसे अपराधियों को गोली मार देनी चाहिए, लेकिन ऐसा कहना संविधान का अपमान है.’
ए पी सिंह विवादित बयान देने के लिए पहले भी चर्चा में रहे हैं. उन्होंने 2013 में एक बयान दिया था कि ‘अगर मेरी बहन या बेटी रात के समय किसी गैर-पुरुष के साथ घर से बाहर जाएगी और किसी के साथ शादी से पहले शारीरिक संबंध रखेगी, बॉयफ्रेंड रखती है और देश की सभ्यता-संस्कृति के हिसाब से नहीं चलती तो मैं उसे पेट्रोल छिड़ककर आग लगा देता.’ इसके बाद बार काउंसिल ने इस पर संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की बात भी की थी. उनके इस बयान का देशभर में विरोध भी हुआ था.
वहीं, शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने भी एपी सिंह को फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि आप केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद नहीं होते हैं. ऐसा कर आप मामले में कोई भी फैसला आने में देरी कर रहे हैं.
निर्भया मामले में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारों दोषियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन मामले की सुनवाई टाल दी गई. कोर्ट ने कहा कि इस केस से जुड़ा एक मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इसलिए वहां जब तक निपटारा नहीं होता मामले की सुनवाई नहीं कर सकते हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट निर्भया गैंगरेप के दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा. तीन न्यायाधीशों की पीठ उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें अक्षय ने दिल्ली के प्रदूषण का हवाला देते हुए मौत की सजा पर सवाल उठाए थे.
AP Singh,Adv for convict in 2012 Delhi gang-rape case: When those sitting in Parliament say these kind of criminals should be shot dead, it's disrespect of the Constitution.Can anyone guarantee that after these convicts are hanged atrocities against women,rape cases will stop? pic.twitter.com/W9J44jdWOe
— ANI (@ANI) December 13, 2019