नई दिल्ली (एजेंसी). निर्भया केस (Nirbhaya Case) में दिल्ली (Delhi) के पटियाला हाउस कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद दो दोषियों की ओर से डाली गई क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 14 जनवरी को सुनवाई करेगी. इसी दिन पता चल जाएगा कि निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी या फिर अभी दोषियों को कुछ दिन की और मोहलत मिलेगी.
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दोषी विनय शर्मा और मुकेश की क्यूरेटिव याचिका पर 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के जज एनवी रमना, अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन, आर बनुमथी और अशोक भूषण की बेंच सुनवाई करेगी. निर्भया के दोषी विनय शर्मा के वकील एपी सिंह और मुकेश के वकील वृंदा ग्रोवर ने इस मामले में क्यूरेटिव याचिका दायर की थी. याचिका में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की गई है. विनय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सहित सभी अदालतों ने मीडिया और नेताओं के दबाव में आकर उन्हें दोषी ठहराया है. गरीब होने के कारण उसे मौत की सजा सुनाई गई है. जेसिका लाल मर्डर केस में दोषी मनु शर्मा ने नृशंस और अकारण हत्या की थी, लेकिन उसे सिर्फ उम्रकैद की सजा दी गई.
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गौरतलब है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद से ही कायस लगाए जा रहे थे कि निर्भया मामले के क्यूरेटिव याचिका दायर कर सकते हैं. इन दोषियों को 14 दिन के अंदर ही क्यूरेटिव याचिका दायर करने का अधिकार था. इसी को देखते हुए दोषी विनय कुमार शर्मा और मुकेश ने क्यूरेटिव याचिका दायर कर दी है. बता दें कि क्यूरेटिव पिटीशन, पुनर्विचार याचिका से थोड़ी अलग होती है. इस याचिका में फैसले की जगह पूरे केस में उन मुद्दों या विषयों को चिह्नित किया जाता है, जिसमें उन्हें लगता है कि इस पर एक बार फिर ध्यान देने की जरूरत है.
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