श्रीनगरः जम्मू कश्मीर से नागरिकता कानून और धारा 370 हटाए जाने के बाद से नए लोगों को प्रदेश की नागरिकता देने का सिलसिला शुरू हो गया है. नए कानून के तहत अभी तक जारी किए जाने वाले ‘राज्य विषय प्रमाण पत्र’ (State Subject Certificate) की जगह अब ‘अधिवास प्रमाण पत्र’ यानी डोमिसाइल सर्टिफिकिटे (Domicile Certificate) जारी किया जा रहा है, जिसे सभी जम्मू कश्मीर निवासियों को सरकारी नौकरी और अन्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अनिवार्य कर दिया गया है.
जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नवीन चौधरी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें नए कानून के तहत यह प्रमाण पात्र जारी किया गया है. खास बात ये है कि चौधरी प्रदेश से बाहर के ऐसे पहले नागरिक हैं, जिन्हें जम्मू-कश्मीर का डोमिसाइल मिला है.
मूल रूप से बिहार के रहने वाले 1994 बैच के J&K कैडर के IAS अधिकारी नवीन चौधरी इस समय जम्मू-कश्मीर के कृषि विभाग में प्रमुख सचिव के पद पर तैनात हैं.
सरकारी दस्तावेजों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले साल 5 अगस्त को धारा 370 हटाये जाने के बाद 1 नवम्बर से नए नागरिकता कानून को अपनाया गया था और अभी तक 33,157 लोगों ने इस नए नागरिकता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है.
सरकारी आंकड़ो के अनुसार जम्मू के दस जिलों में अभी तक 32 हज़ार से ज्यादा लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन दिया है, जबकि कश्मीर घाटी में केवल 720 ऐसे आवेदन सामने आये हैं.
आंकड़ो के अनुसार श्रीनगर में अभी तक केवल 65 लोगों ने नए प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है, लेकिन अभी तक कोई भी नागरिकता प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ है. कश्मीर घाटी में जारी होने वाले सर्टिफिकेटों में पुलवामा में 153, अनंतनाग में 106, कुलगाम में 90, बारामुला में 39, शोपियां में 20, बांदीपोरा में 10, कुपवाड़ा में 10, बडगाम में 9, गांदरबल में 1 सर्टिफिकेट जारी हुए हैं.
वहीं जम्मू क्षेत्र में डोडा में सबसे ज्यादा 8500, राजौरी में 6214, पूंछ में 6123 और जम्मू में 2820 नए नागरिकता प्रमाण जारी हुए हैं. अधिकारियों की मानें तो 1957 से जम्मू में रहने वाले वाल्मीकि समाज के लोग और पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजी भी उन लोगों में शामिल हैं जिनको नए नागरिकता प्रमाण दिए गए हैं.
हालांकि यह साफ नहीं है कि इनमें से कितने केंद्र शासित प्रदेश के ही मूल निवासी हैं और कितने ऐसे लोग हैं जो कानून में आये बदलाव के बाद अब राज्य के निवासी का प्रमाण लेने के लिए आये हैं, लेकिन दस्तावेजों से साफ है कि इनमें से करीब 25 हज़ार लोगों को नए नागरिकता प्रमाण पत्र जारी भी किये जा चुके हैं.
नागरिकता प्रमाण पत्र के आधार पर ही अब लोगों को जम्मू कश्मीर में ज़मीन खरीदने, सरकारी शिक्षण संस्थानों में एडमिशन और सरकारी नौकरी मिल सकेगी.
नए नागरिकता कानून के अनुसार हर वह व्यक्ति जो 15 साल से जम्मू-कश्मीर में रह रहा है या फिर केंद्र सरकार के कर्मचारी जो दस सालों से प्रदेश में नियुक्त रहे हों या ऐसे बच्चे जिन्होंने अपनी 10वीं या 12वीं की परीक्षा जम्मू कश्मीर के शिक्षा विभाग के तहत दी हो, यहां के नागरिक हैं और इन्हें Jammu and Kashmir Grant Domicile Certificate (Production) Rules, 2020 के नियम 5 के तहत नागरिकता दी जाएगी.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने प्रदेश के सभी मूल निवासियों के लिए यह नया प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य कर दिया है और इसके लिए पुराने स्थायी निवास प्रमाण पत्र (PRC) और आधार के साथ ऑनलाइन आवेदन करने को कहा गया है. कोरोना और लॉकडाउन को देखते हुए इसे एसेंशियल सर्विसेज एक्ट के तहत जगह दी गई है. इतना ही नहीं, तय समय में नया सर्टिफिकेट जारी ना होने पर सरकारी अधिकारियों पर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है.