दिल्ली-मुंबई व दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर अब 160 की रफ़्तार से दौड़ेगी ट्रेनें, 5 घंटे का सफर कम होगा

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय रेलवे ने अगले चार साल के अंदर राष्ट्रीय राजधानी से देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली मुंबई और पूरब का छोर कहे जाने वाले हावड़ा तक का सफर 5-5 घंटे कम कर देने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए करीब 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश इन दोनों रेल मार्गों पर इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए किया जाएगा। यह परियोजना रेलवे की तरफ से प्लान-100 दिन के तहत आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की मंजूरी के लिए भेजे गए 11 प्रस्तावों में शामिल है। इन सभी प्रस्तावों की सारी औपचारिकताएं 31 अगस्त, 2019 तक पूरी कर काम शुरू कर देने की योजना है। रेलवे ने प्लान-100 दिन का खाका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर खींचा है। इसके चलते इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलना तय माना जा रहा है।

दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर यात्रा समय घटाने के लिए रेलवे इन पर चलने वाली ट्रेनों की अधिकतम गति को बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा करना चाहता है। इसके लिए दोनों ही मार्गों पर रेलवे ट्रैक के मरम्मतीकरण और कई जगह पर उसे बदलने की आवश्यकता पड़ेगी।

प्रस्ताव के मुताबिक, इसके लिए दिल्ली-हावड़ा के बीच 1525 किलोमीटर लंबे ट्रैक के लिए 6,684 करोड़ रुपये और दिल्ली-मुंबई के बीच 1,483 किलोमीटर की दूरी के लिए 6,806 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट तय किया गया है।

क्या है खास

  • 30 फीसदी रेल यात्री सिर्फ इन दोनों रेल मार्ग पर यात्रा करते हैं
  • 20 फीसदी हिस्सेदारी है इन दोनों मार्गों की कुल माल ढुलाई में
  • 17 घंटे लगते हैं फिलहाल दिल्ली से हावड़ा तक की रेल यात्रा में
  • 15.5 घंटे लेती है दिल्ली से मुंबई पहुंचने में फिलहाल
  • 12 घंटे और 10 घंटे का ही सफर करना चाहता है रेलवे इन मार्गों पर
  • 160 किमी प्रति घंटा गति की जाएगी इसके लिए इन मार्गों पर ट्रेन की
  • 130 किमी प्रति घंटा अधिकतम गति से चलती हैं फिलहाल इन पर ट्रेन

प्लान-100 दिन 

  • यात्रियों को अपनी टिकट सब्सिडी छोड़ने के लिए चलाएगा ‘गिव इट अप’ अभियान
  • अहम पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर दो ट्रेन का संचालन निजी क्षेत्र को देगा
  • कोहरे और गति के कारण दुर्घटनाएं रोकने के लिए डिजिटल कॉरिडोर में बदलेगा रेल ट्रैक
  • शेष बचे हुए देश के 4882 रेलवे स्टेशनों को भी पूरी तरह वाई-फाई जोन में बदलेगा
  • 2568 रेलवे क्रासिंग को 2023 तक खत्म करने के लिए सरकार से 50 हजार करोड़ रुपये मांगेगा
  • 50 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करेगा और रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन करेगा
  • रेलवे सिग्नल सिस्टम और अन्य तकनीकों को आधुनिक तकनीकों से बदला जाएगा

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