मुंबई (एजेंसी). शेयर बाजार (Share Market) : देश में तेजी से गिरते शेयर बाजार ने बढ़िया डिविडेंड देने वाले कई शेयरों को भाव को इतनी नीचे धकेल दिया है, जिन्हें नजरअंदाज कर पाना भूल साबित हो सकता है. ये शेयर 10 फीसदी से 15 फीसदी तक के आकर्षक डिविडेंड (Dividend) यील्ड पर कारोबार कर रहे हैं.
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इस सूची में एनएलसी इंडिया, इरकॉन इंटरनेशनल, आरईसी, सोनाटा सॉफ्टवेयर, टीवी टुडे, बजाज कंज्यूमर और पीटीसी इंडिया जैसे नाम शामिल हैं. विश्लेषकों का मानना है कि 10 साल की सरकारी सिक्योरिटी की यील्ड 6 फीसदी के नीचे जाने का अनुमान है, ऐसे में अधिक डिविडेंड वाले शेयर बढ़िया विकल्प हैं.
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एचडीएफसी सिक्योरिटीज के पूंजी बाजार रणनीति प्रमुख वीके शर्मा ने कहा, “जब आपको यह ही नहीं पता कि बाजार में गिरावट कब तक जारी रहने वाली है, अच्छी डिविडेंड यील्ड आपको नियमित आय देगी. आप इन शेयरों को एफडी की तरह मान सकते हैं, जो आपको निश्चित रिटर्न देंगे.”
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बाजार जानकारों के अनुसार, इन कंपनियों की बिजनेस मॉडल काफी अच्छा है और ये बाजार के उतार-चढ़ाव से आसानी से निपट सकती हैं. डीलमनी सिक्योरिटीज के विश्लेषक बृजेश भाटिया ने कहा, “निवेशकों को लार्जकैप शेयरों का चयन करना चाहिए क्योंकि मिडकैप कंपनियां डिविडेंड देने से बच सकती हैं.” कोल इंडिया, ऑयल इंडिया, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स, इरकॉन और पीटीसी जैसी कंपनियों में सरकार के पास अधिकांश हिस्सेदारी होती है. ऐसी कंपनियां डिविडेंड देना पसंद करती हैं क्योंकि इससे सरकार को आय होती है और राजकोषीय घाटा कम होता है.
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मगर डिविडेंड देने वाले शेयर ग्रोथ निवेश के अनुकूल नहीं माने जाते हैं. शेयरखान के पूंजी बाजार रणनीति प्रमुख गौरव दुआ ने कहा, “शुद्ध रूप से डिविडेंड पर आश्रित पोर्टफोलियो रक्षात्मक रणनीति के तहत आता है, जहां जोकिम कम होता है और रिटर्न भी कम ही होती है. ग्रोथ के लिए विविधता जरूरी है.”
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