तकनीकी कारणों से रोके गए चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण पर इसरो ने घोषित की नई तारीख

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के दूसरे मून मिशन Chandrayaan-2 की लॉन्चिंग 15 जुलाई को लॉन्च से 56.24 मिनट पहले रोक दी गई थी। चंद्रयान-2 को तड़के 2.51 बजे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया जाना था। लेकिन 56.24 मिनट पहले काउंटडाउन रोक दिया गया। इसरो प्रवक्ता बीआर गुरुप्रसाद ने इसरो की तरफ से बयान देते हुए कहा कि जीएसएलवी-एमके3 लॉन्च व्हीकल (रॉकेट) में खामी आने की वजह से लॉन्चिंग रोक दी गई। लॉन्चिंग की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। लेकिन, इसके बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने वह खामी खोज कर उसे ठीक भी कर दिया।

इसरो के विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि क्रायोजेनिक स्टेज के कमांड गैस बॉटल में प्रेशर लीकेज था। इसमें हीलियम भरा था। यह क्रायोजेनिक इंजन में भरे लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड हाइड्रोजन को ठंडा रखने का काम करता है। हीलियम लीकेज की वजह से मिशन को रोकना पड़ा। बॉटल में हीलियम का प्रेशर लेवल नहीं बन रहा था। यह 330 प्वाइंट से घटकर 300, फिर 280 और अंत में 160 तक पहुंच गया था। इसलिए लॉन्च को रोकना पड़ा।

वैज्ञानिकों ने सबसे पहले बाहुबली जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट के सभी स्टेज से प्रोपेलेंट (ईंधन) निकाला। इसरो वैज्ञानिकों की योजना थी कि पूरे जीएसएलवी-एमके 3 को अलग-अलग किया जाएगा, लेकिन ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ी। सिर्फ उस हिस्से को निकालकर ठीक कर दिया है, जिसमें खामी थी। इसरो वैज्ञानिकों ने हीलियम गैस बॉटल को बदल दिया है। साथ ही उस वॉल्व को भी ठीक किया है, जिससे प्रेशर लीक हो रहा था।

इसरो ने बताया है कि इसरो वैज्ञानिकों ने हीलियम लीकेज की समस्या को ठीक कर दिया है। कुछ टेस्ट बाकी हैं जो 18 जुलाई तक पूरे हो जाएंगे। 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया जाएगा। ऐसे में भारत के मून मिशन चंद्रयान-2 की यात्रा 4 दिन आगे बढ़ जाएगी। यानी पहले चंद्रयान-2 चांद पर 6 सितंबर को पहुंचने वाला था लेकिन 22 को लॉन्चिंग होगी तो यह 11 या 12 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा। 

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