नई दिल्ली(एजेंसी): भारत चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर विवाद चल रहा है. इसी बीच भारत के आर्मी चीफ एम एम नरवणे ने कहा है कि चीन के साथ सीमा पर हालात काबू में है. उन्होंने कहा कि चीन और भारत के बीच सैन्य लेवल पर कई स्तर पर बातचीत हो रही है, और बातचीत के जरिए हम हर तरह के विवादित मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं.
एम एम नरवणे ने कहा, ”मैं सबको इस बात का विश्वास दिलाना चाहूंगा कि चीन के साथ हमारे बॉर्डर की पूरी स्थिति नियंत्रण में है. हमारी चीन के साथ बातचीत चल रही है. हमें उम्मीद है कि हमारे बीच लगातार हो रही इस बातचीत से विवाद का समाधान निकलेगा.”
उन्होंने कहा कि कि जारी वार्ता से दोनों देशों के बीच समझे जाने वाले सभी मतभेदों को सुलझा लिया जाएगा.
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘‘दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीके से टकराव की स्थिति से बच रहे हैं. हमने गलवान घाटी क्षेत्र से, उत्तर से इसकी शुरुआत की. हमारी बहुत सकारात्मक बातचीत हुई. और जैसा कि मैंने कहा कि यह जारी रहेगी और आगे हालात सुधरेंगे.’’
नेपाल को लेकर एम एम नरवणे ने कहा कि भारत के हमेशा से इस पड़ोसी देश से मजबूत संबंध रहे हैं और भविष्य में भी मजबूत रहेंगे. नेपाल ने अपने देश के परिवर्तित नक्शे में लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दर्शाया है.
जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘नेपाल के साथ हमारे बहुत मजबूत रिश्ते रहे हैं. हमारे भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक संबंध हैं. हमारे लोगों के बीच बहुत मजबूत संबंध हैं. उनके साथ हमारे रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं और भविष्य में भी रहेंगे.’’
सेना प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर कहा कि जहां तक जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान का संबंध है, हमने बहुत सी सफलताएं हासिल की हैं. उन्होंने कहा कि बीते 10-15 दिनों में 15 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं. यह कामयाबी प्रदेश में काम करने वाले सभी सुरक्षाबलों के बीच घनिष्ठ सहयोग से हासिल की जा सकी है.
सेना प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में ज्यादातर ऑपरेशन्स स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अंजाम दि गए हैं. इससे यह बात साफ होती है कि प्रदेश के लोग उग्रवाद और आतंकवाद से पूरी तरह से तंग आ चुके हैं और वे चाहते हैं कि घाटी में स्थिति सामान्य हो जाए.
बता दें भारत के पड़ोसी देश चीन की ज़मीनी सीमा दुनिया के 14 अलग-अलग देशों के साथ सटी हुई है. इनमें से एक भी ऐसा देश नहीं है, जिसके साथ चीन का सीमा विवाद न हो. लेकिन भारत के साथ चीन को सीमा विवाद करने में शायद ज्यादा ही दिलचस्पी है, इसलिए वो किसी न किसी बहाने से भारत के साथ विवाद करता ही रहता है.
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है. इस सीमा को कहा जाता है एलएसी यानि कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल या फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा. ये एलएसी भारत के राज्यों जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है. इस 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा को सामरिक दृष्टिकोण से तीन हिस्सों में बांटा जाता है.
पहला हिस्सा है पश्चिमी सेक्टर, जिसमें लद्दाख से लगी सीमा शामिल है. ये 1597 किलोमीटर लंबी है. दूसरा है मध्यवर्ती सेक्टर, जिसमें उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से लगी सीमा शामिल है. ये 545 किलोमीटर लंबी है. तीसरा है पूर्वी सेक्टर, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लगी सीमा को रखा जाता है. यह 1346 किलोमीटर लंबी है. इस नियंत्रण रेखा को लेकर भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. कभी ये विवाद थम जाता है, तो कभी ये विवाद फिर से सिर उठा लेता है.