मुंगेली. अपराध : जी हां आपने बिल्कुल सही सुना. यह किसी रील लाइफ की काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि रियल लाइफ की सच्चाई है. सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर है, मगर हम जो बताने जा रहे हैं वह बिल्कुल सत्य घटना है. छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां पूरा गांव अपराधिक गतिविधियों में पिछले कई सालों से संलिप्त रहा है. यह परंपरा वर्षो से चली आ रही थी कि आपराधिक गतिविधियों को यहां के लोग रोजी रोटी और परंपरा के रूप में निर्वहन करते आ रहे थे. ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा में लौटाना पुलिस के लिए भी एक बड़ा चैलेंज बना हुआ था.
यह भी पढ़ें :
पढ़ें BIEAP इंटर 1st ईयर और इंटर 2nd ईयर रिजल्ट के ताज़ा अपडेट यहाँ
जिले के एसपी डी श्रवण यहाँ पदभार ग्रहण करने बाद से इस गांव के लोगों को मुख्यधारा जोड़ने का एक लक्ष्य बना लिया था. यही वजह है कि इस दिशा में पुलिस ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और अपराधिक लोग मुख्यधारा में लौटने लगे. हम बात कर रहे है मुंगेली जिले के सरगांव थाना क्षेत्र के चिरौटी गांव की. अविभाजित जिला बिलासपुर के समय से ग्राम चिरौटी पहुंच विहीन और शिक्षा से वंचित ग्राम था. जिससे अपराध बढ़ने लगा. जिला मुख्यालय के साथ ही थाना काफी दूरी में होने से यहां के अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाया. अधिकांश लोग शुरुआत में संपत्ति अपराधों में लिप्त होते गए और संभवतः चिरौटी के लोग अपनी इसी अपराधिक पृष्ठभूमि के कारण अपने समाज से अपरोक्ष रूप से निष्कासित भी है. हालांकि वर्तमान समय में यहां के शिक्षा का स्तर औसतन है, लेकिन यहां के बड़े बुजुर्गों के अपराध में संलिप्तता के चलते उनकी आने वाली पीढ़ियां भी अपराध के दलदल में प्रवेश करते जा रहे थे.
यह भी पढ़ें :
छत्तीसगढ़ में अब रात 9 बजे तक हो सकेगा कारोबार, आदेश जारी
चिरौटी गांव की जनसंख्या 252 है. यहां के अधिकांश लोग गंभीर किस्म के लूट, चोरी, नकबजनी के अपराध में लिप्त होकर पिछले 60-70 वर्षों से अपराधिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं. शुरुआती समय में यहां के लोग आसपास के गांव में खड़ी फसल को चोरी करने का अपराध घटित किया करते थे. इसके बाद वारदात का तरीका बदलते हुए ट्यूबवेल, मोटर पम्प आदि की चोरी की ओर प्रवृत्त हुए. इस दौरान विगत 8 -10 वर्षों से राशन दुकान, किराना दुकान, कपड़ा दुकान व अन्य दुकानों को निशाना बनाते हुए गंभीर किस्म के अपराध करने लगे.
यह भी पढ़ें :
क्या 5 लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रही सरकार?
यहां के लोगों का अपराध का क्षेत्र मुंगेली जिला तक सीमित न रहकर कबीरधाम, बेमेतरा, बलौदाबाजार से लेकर राजधानी रायपुर भी अछूता नहीं रह गया. इनके पराधिक गतिविधियों से मुंगेली जिले की पुलिस के साथ ही सरहदी जिलों के पुलिस थाना प्रभावित है. यहां के लोग सामूहिक रूप से चार पहिया वाहन का उपयोग कर अपराध करते पाए जाते रहे हैं.
यह भी पढ़ें :
छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं और 12वीं का रिजल्ट हुआ तैयार, जानें कब होगा घोषित
एसपी डी श्रवण ने मुंगेली में पदस्थापना होने के बाद से इसे एक टास्क के रूप में मानकर चले. इस गांव के लोगों को अपराध मुक्त करने और यहां के लोगों को अपराधिक गतिविधियों से उबारने उन्होंने काफी दिलचस्पी दिखाई. शुरु से ही उन्होंने यहां के बारे में एडिशनल एसपी कमलेश्वर चंदेल, डीएसपी नवनीत कौर छाबड़ा से चर्चा करते रहे. गांव के लोगों को अपराधिक जीवन को त्याग कर मुख्यधारा में लाने के संबंध में एसपी के निर्देशन और नेतृत्व में माह भर से भी अधिक समय से जिले की पुलिस काम कर रही थी.
यह भी पढ़ें :
राहुल गांधी ने अमेरिका के डिप्लोमेट निकोलस बर्न्स से की बातचीत, कोरोना सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा
आखिरकार पुलिस को इस दिशा में सफलता भी मिली. यही वजह है कि एसपी डी श्रवण पुलिस अधिकारियों व क्षेत्र के जनपद सीईओ कुमार सिंह व संबंधित गांव के जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर गुरुवार को चिरौटी गांव पहुँचे. जहाँ उन्होंने गांव के ग्रामीणों, महिलाओं, स्कूली छात्र-छात्राओं से उनके पारिवारिक व सामाजिक परिस्थितियों के बारे में चर्चा कर जानकारी ली. इस दौरान एसपी ने चिरौटी के निगरानी बदमाशों और अपराधिक प्रवृत्तियों में संलिप्त लोगों से अपराधिक जीवन त्याग कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने को कहा गया. एसपी ने गांव के शाला भवन और अन्य स्थलों का निरीक्षण कर ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी. जिसके बाद उन्होंने स्कूल में जरूरी संसाधनों की व्यवस्था के लिए सरगांव थाना प्रभारी को निर्देशित किया. वही ग्रामीणों की मांग पर जनपद सीईओ के निर्देश पर पेयजल सुविधा, तालाब गहरीकरण, एप्रोच रोड आदि विकास कार्य की तत्काल स्वीकृति देते हुए कार्य प्रारंभ किया गया.
यह भी पढ़ें :
छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीज का आंकड़ा 1400 पहुंचा,अभी तक 46 नये केस आये 32 संक्रमित सामने
सरगांव थाने में पदस्थ एएसआई सुशील कुमार बंछोर ने यहाँ के लोगों को मुख्यधारा में वापस लौटना को एक मिशन के तौर पर ले लिया है. उन्होंने कहा कि वो यहाँ ग्राउंड स्तर पर काम कर रहे है. 70 प्रतिशत से अधिक अपराधिक प्रवत्ति से जुड़े लोग मुख्यधारा में वापस लौटने तैयार हो गए है. बाकी जो शेष हैं, उन्हें भी समझाने की कोशिश जारी है. दो दर्जन से अधिक लोग मुख्यधारा में लौटे है. मुख्यधारा में लौटने वाले लोग और अन्य ग्रामीणों का यही कहना है कि जिला प्रशासन को यहाँ के लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाये, ताकि वे लोग इस तरह के कार्य करने मजबूर न हो.
यह भी पढ़ें :
आगरा में 97 साल के बुजुर्ग ने कोरोना को दी मात, जिला मजिस्ट्रेट ने जाहिर की खुशी
यहाँ के लोगों को अपराध की दुनिया से वापस लाने में एडिश्नल एसपी कमलेश्वर चंदेल, डीएसपी नवनीत कौर छाबड़ा सहित सरगांव थाना प्रभारी संजीव ठाकुर और सहायक उपनिरीक्षक सुशील कुमार बंछोर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. यही वजह है कि एसपी ने पुलिस के अधिकारियों का मनोबल बढ़ाने पुलिस टीम की प्रशंसा की है.
यह भी पढ़ें :