नई दिल्ली (एजेंसी). ऑलराउंडर इरफान पठान (Irfan Pathan) ने शनिवार को क्रिकेट (Cricket) के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. टीम इंडिया के प्रमुख स्विंग गेंदबाजों में शुमार रहे इरफान पठान विदेशों में फ्रेंचाइजी आधारित लीग के लिए उपलब्ध रह सकते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘आज मैं सभी तरह की क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं. यह मेरे लिए भावुक पल है, लेकिन यह ऐसा पल है जो हर खिलाड़ी की जिंदगी में आता है. छोटी जगह से हूं और मुझे सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे महान खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला, जिसकी हर किसी को तमन्ना होती है.
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इरफान पठान अक्टूबर 2012 में आखिरी बार टीम इंडिया की जर्सी में उतरे थे, जब उन्होंने कोलंबो में टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच खेला था. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में आखिरी बार फरवरी 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में जम्मू-कश्मीर टीम का प्रतिनिधित्व किया. पठान ने पिछले महीने खुद को आईपीएल नीलामी पूल में भी नहीं रखा था.
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बाएं हाथ के तेज गेंदबाज इरफान पठान ने 2003 में एडिलेड ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. इरफान के पास गति नहीं थी, लेकिन गेंद को स्विंग करने की उनकी स्वाभाविक क्षमता ने उन्हें तुरंत सफलता दिलाई. महान कपिल देव के साथ उनकी तुलना भी की गई. तब ऐसा लग रहा था कि भारत ने उस ऑलराउंडर को ढूंढ़ लिया है, जो जगह कपिल के रिटायरमेंट के बाद से खाली थी. आखिरी बार अक्टूबर 2012 में भारत के लिए खेलने वाले पठान ने 29 टेस्ट (1105 रन और 100 विकेट), 120 वनडे (1544 रन और 173 विकेट) और 24 टी-20 अंतरराष्ट्रीय (172 रन और 28 विकेट) मैच खेले.
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इरफान पठान 2007 की टी-20 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा थे और पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में ‘मैन ऑफ द मैच’ रहे थे. 2006 में पाकिस्तान के दौरे पर उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तब आया, जब वह हरभजन सिंह के बाद टेस्ट हैट्रिक लेने वाले दूसरे भारतीय बने. उन्होंने कराची टेस्ट में सलमान बट, यूनिस खान और मोहम्मद यूसुफ को लगातार गेंदों पर आउट कर अपनी हैट्रिक पूरी की थी.
इरफान पठान ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ की उछाल वाली पिच पर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद अपने करियर के दौरान वह चोटों से परेशान रहे और उनका फॉर्म भी गिरता गया. गेंद को स्विंग करने की उनकी क्षमता भी बिगड़ गई
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