नई दिल्ली(एजेंसी): भारतीय रेलवे आज से 80 नई विशेष ट्रेनें शुरू करने जा रहा है. इनके लिए रिजर्वेशन की प्रक्रिया 10 सितंबर से शुरू हो चुकी हैं. ये ट्रेनें अभी चल रही 230 ट्रेनों के अलावा होंगी. अभी चलाई जा रहीं सभी विशेष ट्रेनों के परिचालन की निगरानी की जाएगी और जहां भी ट्रेन की मांग होगी या वेटिंग लिस्ट होगी, वहां एक्चुअल ट्रेन से पहले एक ‘क्लोन’ ट्रेन चलाई जाएगी.
परीक्षाओं के लिए या ऐसे ही किसी उद्देश्य के लिए राज्य सरकारों से अनुरोध किए जाने पर ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा. देश में लगातार तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए रेलवे ने पहले ही सभी पैसेंजर ट्रेनों को अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दिया था.
रेलवे ने कहा था कि सभी नियमित पैसेंजर ट्रेनें अगले नोटिस तक निलंबित रहेंगी. हालांकि, 230 स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी. देश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए रेलवे ने 22 मार्च से पैसेंजर ट्रेनों, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया था.
सभी ट्रेनें पूरी तरह रिजर्व होंगी.
ट्रेनों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा.
यात्रा के 90 मनट पहले पहुंचना होगा स्टेशन ताकि थर्मल स्क्रीनिंग हो सके.
आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा जरुरी.
यात्रा के दौरान कंबल, चादर, पर्दे मुहैया नहीं कराए जाएंगे.
यात्रा के समय मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
रेल मंत्रालय के मुताबिक ट्रेन ऑक्यूपेंसी और लोगों के मूवमेंट के आधार पर एक नया ट्रेंड सामने आया है. इसमें ये देखा गया है कि अब प्रवासी मज़दूर तेज़ी से बड़े शहरों की ओर वापसी कर रहे हैं. यानी जिन-जिन शहरों से प्रवासी मज़दूर करोना संकट के कारण काम छोड़कर अपने गांव-कस्बे को लौट गए थे, अब वो वापस काम के लिए शहर लौट रहें हैं. इसको एक बड़ा आधार बनाकर रेलवे ने 80 स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है ताकि प्रवासी मज़दूरों को काम के लिए वापस शहर पहुंचने में दिक्कत ना आए.
करोना संकट के दौरान प्रवासी मज़दूरों को ही ध्यान में रखते हुए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं जो राज्यों की मांग के आधार पर चलाई गईं थी. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग अब ख़त्म हो गई है, हालांकि रेलवे का कहना है कि जब भी राज्यों की मांग होगी वो ये ट्रेनें चलाएंगे. श्रमिक स्पेशल ट्रेनें नॉन एसी थीं लेकिन ये ट्रेनें राज्यों की ओर से पूर्णतया रिज़र्व ट्रेनें थीं जिनमें राज्य सरकार अपनी सूची के आधार पर प्रवासी मज़दूरों को ले जाती थी.
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बाद 12 मई को 15 राजधानी स्तर की पूर्णतया एसी ट्रेनें चलाई गई थीं. इसके बाद 1 जून से 100 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं थीं जिनमें स्लीपर क्लास भी शामिल था. ये सभी 230 स्पेशल ट्रेनें आज भी चल रही हैं. आज से 80 नई स्पेशल ट्रेनों के चलने के साथ ही ट्रेनों की कुल संख्या 310 हो जाएगी. ये सभी ट्रेनें पूर्णतया रिज़र्व ट्रेनें होंगी.