रायपुर (अविरल समाचार)। शहर के प्राचीनत्तम बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में सावन के चौथे सोमवार को कल उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर निकलने वाली सवारी की तरह ही पालकी सजायी जायेगी। शिवजी की प्रतिकात्मक प्रतिमा भी विराजित करायेंगे लेकिन सवारी का भ्रमण नहीं होगा मंदिर परिसर में ही स्थापित दिखेगी। अभिषेक श्रृंगार के बाद श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ शिवजी के पट खोल दिए जायेंगे।
मंदिर ट्रस्ट कमेटी की ओर से जानकारी देते हुए चंद्रप्रकाश व्यास ने बताया कि जैसे कि मान्यता है उज्जैन में महाकाल अपनी प्रजा का हालचाल जानने सावन के महीने में सोमवार को शहर भ्रमण के लिए निकलते हैं उनके लिए पालकी (डोली) की विशेष सजावट की जाती है। भक्तों को पूरे साल इसका इंतजार रहता है। बूढ़ेश्वर बाबा की सवारी भी वैसे ही सजायी जा रही है, इस सोमवार श्रद्दालुजन उसी स्वरूप में शिवजी के दर्शन करेंगे। रंग बिरंगी फूलों, वंदनवार, तोरण व चमकीली जडिय़ों के साथ ध्वजा से सजेगी पालकी, सुरक्षागत कारण से भ्रमण नहीं करायेंगे लेकिन मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों को वही स्वरूप दिखेगा और वे दर्शन पूजन कर पुण्यलाभ अर्जित कर सकते हैं।
सुवह की भस्म आरती, संध्या आरती व नियमित पूजन यथावत रहेंगे। आखिरी सावन सोमवार रक्षाबंधन के दिन होगा इस दिन भी शिवजी का विशेष श्रावणी श्रृंगार किया जायेगा। भक्तों की भारी भीड़ सावन सोमवार के दिन बूढ़ेश्वर मंदिर में जुट रही है।