जयपुर (एजेंसी)। राजस्थान में एक किसान बैंक कर्ज के दुष्चक्र में इतनी बुरी तरह फंसा जिसकी कीमत उसको जान देकर चुकानी पड़ी। किसानों की कर्ज माफी के आधार पर बनी नई कांग्रेस सरकार भी उसे राहत नहीं दिला सकी। राहत के लिए किसान कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाता रहा और जब कुछ नहीं हुआ तो आधी रात को कलेक्ट्रेट परिसर में ही फांसी लगा ली। ये दिल दहला देने वाला मामला राजस्थान के हनुमानगढ़ का है।
हनुमानगढ़ के किकरालिया गांव में रहने वाले 48 साल के किसान सुरजाराम पर बैंक का कर्ज था।उसने एचडीएफसी बैंक से साढ़ सात लाख रुपये का कर्ज लिया था।
बैंक और उसके ब्याज के दुष्चक्र में किसान ऐसा फंसा कि वह कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं रहा। इस कर्ज में कुछ राहत के लिए किसान ने कलेक्ट्रेट ऑफिस के चक्कर लगाने शुरू किए लेकिन वहां भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
जब किसान के सारे रास्ते बंद हो गए तो सोमवार को आधी रात में किसान कलेक्ट्रेट परिसर में गया और वहां फांसी लगा ली। सुरजाराम के पास से कोई कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। जेब में मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान की गई।
घटना की जानकारी मिलने पर जंक्शन पुलिस के एएसआई केसर सिंह मौके पर पहुंचे और शव को मोर्चरी में रखवाया गया। एसपी कालूराम रावत ने कहा कि परिवार की शिकायत पर धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
चूंकि मामला कलेक्ट्रेट परिसर का है तो हनुमानगढ़ के कलेक्टर जाकिर हुसैन ने बताया कि मृतक सुरजाराम उनके पास कभी भी कोई शिकायत लेकर नहीं आया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।