मुंगेली : लॉकडाउन पीरियड में कोरोनावरियर्स की भूमिका में रहे मुंगेली नगर पालिका के संविदा सफाई कर्मी इन दिनों सीएमओ की मनमानी के खिलाफ हड़ताल कर रहें हैं. हड़ताली कर्मचारियों का सीएमओ पर आरोप है कि इनके वेतन से पीएफ का पैसा काटा जाता है, लेकिन पीएफ एकाउंट में जमा नहीं कराया जाता. इसके अलावा यह भी आरोप है कि हर महीने इनके वेतन में अनावश्यक कटौती की जाती है और इस बात का विरोध करने पर चार कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है.
इस मामले में संविदा सफाईकर्मियों की संघ की ओर से कलेक्टर और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की गई है,जिसके बाद श्रम आयुक्त कार्यालय छत्तीसगढ़ की ओर से पत्र व्यवहार कर मुंगेली श्रम पदाधिकारी से वेतन में कटौती के सम्बंध में उचित कार्यवाही कर 2 दिन में कार्यवाही से कार्यालय को अवगत कराने कहा गया है..दरअसल सफाई कर्मियों का आरोप है कि 12-15 महीने से उनके वेतन से ईपीएफ और जीपीएफ की राशि की कटौती की जा रही है लेकिन उस राशि को जमा नहीं किया जा रहा है. इसके अलावा फरवरी माह में पूरा माह काम करने के बावजूद 15 दिन का ही वेतन बनाया गया जबकि 14 दिनों के वेतन में काम करने के बावजूद कटौती की गई है.इसके अलावा अन्य दिनों में भी कटौती भी की गई है.इन्ही तमाम मांगों को लेकर संविदा सफाई कर्मी पखवाड़े भर से हड़ताल पर हैं.
इस बीच 4 संविदा कर्मचारियों को काम से भी निकाल दिया गया है,जिसको लेकर संघ के द्वारा नाराजगी जाहिर की गई है.संघ के द्वारा कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने लॉक डाउन काल मे अपने सम्बोधन में कहा था कि कोरोना काल मे कोरोना वॉरियर सफाई कर्मियों के वेतन में कटौती नही की जाएगी.इसके बाद भी जान जोखिम में डालकर मुंगेली नगर पालिका के सफाई कर्मियों ने काम किया है और उनके वेतन में कटौती की गई है.सफाईकर्मियों ने इसके लिये सीएमओ को जिम्मेदार बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
इधर सफाई कर्मियों के काम मे चले जाने से शहर में सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है, लेकिन नगरीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी मामले का निराकरण करने के बजाय उदासीन रवैय्या अपनाए हुए है.हालांकि अपर कलेक्टर राजेश नशीने के द्वारा इस मामले में नगरीय प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के साथ सफाई कर्मियों की मीटिंग कर मामले का निराकरण की बात जरूर कही गई थी लेकिन फिलहाल स्थिति ज्यों का त्यों है.