मुंबई (एजेंसी)। महाराष्ट्र के ठाणे बुलेट ट्रेन स्टेशन के डिजाइन में बदलाव किया गया है। इस बदलाव के कारण अब 21 हजार मैंग्रोव वृक्षों को कटने से बचा लिया गया है। बता दें कि ठाणे बुलेट ट्रेन स्टेशन के पहले के डिजाइन के मुताबिक 53 हजार मैंग्रोव वृक्षों को यहां काटा जाना था, लेकिन अब सिर्फ 32,044 वृक्षों को ही काटा जाएगा। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) के प्रबंध निदेशक (एमडी) अचल खरे ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए वन्यजीव, वन और सीआरजेड की जरूरी मंजूरी ले ली गई है।
अचल खरे ने बताया कि वन संबंधी मंजूरी कुछ शर्तों के साथ मिली है। पर्यावरण मंत्रालय ने एक शर्त रखी है कि ठाणे स्टेशन डिजाइन की समीक्षा की जाए ताकि क्षेत्र में प्रभावित मैंग्रोव की संख्या घटाई जा सके। इसी के मद्देनजर यहां के स्टेशन के डिजाइन में बदलाव किया गया है।
रेलवे की बुलेट ट्रेन परियोजना के क्रियान्वयन का काम देखने वाली एजेंसी एनएचएसआरसीएल ने शनिवार को कहा, “इस परियोजना से प्रभावित होने वाले मैंग्रोव वृक्षों की संख्या 53 हजार से घटा कर 32,044 करने के लिए महाराष्ट्र के ठाणे में स्टेशन के डिजाइन पर फिर से काम किया है।” अचल खरे ने कहा, “ठाणे स्टेशन की जगह में बिना कोई बदलाव करते हुए, प्रभावित होने वाले मैंग्रोव क्षेत्र को कैसे हर संभव तरीके से घटाया जा सकता है-जापानी इंजीनियरों के साथ हमने इस पर चर्चा की और इसके अनुसार उसमें संशोधन किया।”
अचल खरे ने कहा, “पार्किंग क्षेत्र और यात्री संचालन क्षेत्र जैसे यात्री इलाकों को मैंग्रोव क्षेत्र से हटा दिया गया है। स्टेशन की जगह वही है लेकिन इसके डिजाइन में बदलाव के बाद, अब केवल तीन हेक्टेयर मैंग्रोव क्षेत्र ही प्रभावित होगा। पहले 12 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हो रहा था। इस तरीके से हमने प्रभावित होने वाले करीब 21,000 मैंग्रोव वृक्ष घटा लिए हैं और पूरी परियोजना से अब केवल 32,044 मैंग्रोव प्रभावित होंगे। इससे पहले करीब 53,000 मैंग्रोव प्रभावित हो रहे थे।” खरे ने कहा कि एनएचएसआरसीएल बुलेट ट्रेन परियोजना से प्रभावित मैंग्रोव के लिए मैंग्रोव प्रकोष्ठ में 1:5 के अनुपात में पैसा जमा कर मुआवजा देगा।