भोपाल (एजेंसी)। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह की हार पर समाधि लेने का दावा करने वाले स्वामी वैराज्ञानन्द उर्फ मिर्ची बाबा क्या समाधि लेने से डर गए हैं? ये हम इसलिए कह रहे है क्योंकि मिर्ची बाबा का आरोप है कि लोग उन्हें लगातार फोन कर समाधि लेने का दबाव बना रहे हैं।
मिर्ची बाबा ने बाकायदा इसकी एफआईआर दर्ज करवा दी है। वहीं इस मामले में अब राजनीति भी तेज हो गई है। शिवराज ने कमलनाथ सरकार पर ढोंगी बाबाओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। लोकसभा चुनाव के दौरान भोपाल से दिग्विजय सिंह की जीत के लिए 5 क्विंटल मिर्च से यज्ञ करने वाले स्वामी वैराज्ञानन्द उर्फ मिर्ची बाबा अब फोन कॉल्स से परेशान हैं।
दरअसल, मिर्ची बाबा ने लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की जीत और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की हार का दावा किया था और कहा था कि दिग्विजय हारे तो वो समाधि ले लेंगे। हालांकि 23 मई को नतीजे वाले दिन दिग्विजय सिंह की हार के बाद से मिर्ची बाबा गायब हो गए थे। कुछ दिन पहले वो भोपाल वापस आए तो प्रशासन से समाधि लेने की इजाज़त मांगी जो उन्हें नहीं मिली और बाबा ने समाधि नहीं ली, लेकिन अब मिर्ची बाबा आरोप लगा रहे हैं कि कई सारे लोग फोन कर उन्हें समाधि लेने के लिए उकसा रहे हैं।
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भोपाल जोन-2 के एडिशनल एसपी संजय साहू के मुताबिक मिर्ची बाबा ने इसके लिए महंत नरेंद्र गिरी पर आरोप लगाते हुए उनपर एफआईआर दर्ज करवाई है और साथ ही में पुलिस को ऐसे 3 हज़ार नम्बरों की लिस्ट भी दी है। लोकसभा चुनाव में मिर्ची यज्ञ कर चर्चा में आए मिर्ची बाबा की तहरीर पर एफआईआर दर्ज करने के बाद मध्य प्रदेश में राजनीति भी शुरू हो गई है।
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मिर्ची बाबा को ढोंगी करार दिया है और सरकार पर ढोंगी बाबाओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे ढोंगी बाबाओं के कहने पर सन्तों के खिलाफ मामले दर्ज कर सरकार गलत उदाहरण पेश कर रही है। हालांकि सरकार को इसमें कुछ गलत नहीं लगता। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने शिवराज के दावे को गलत बताते हुए मिर्ची बाबा का समर्थन किया और कहा है कि सरकार सभी साधु-संतों का सम्मान करती है, इसलिए अगर किसी ने शिकायत की है तो कानूनसम्मत उसपर कार्रवाई होगी।