नई दिल्ली (एजेंसी)। बिड़ला परिवार से जुड़े यशोवर्धन बिड़ला को यूको बैंक ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। बैंक ने कहा है कि यश बिड़ला की कंपनी बिड़ला सूर्या लिमिटेड पर 67.55 करोड़ रुपये का बकाया है।
यूको बैंक ने कहा है कि यश बिड़ला की कंपनी को बैंक की तरफ से 100 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट थी। इस लिमिट में 67 करोड़ रुपये और उस पर लगने वाला ब्याज अभी देय है। यह लोन 2013 में एनपीए घोषित किया जा चुका है। नियमों के मुताबिक अगर कोई प्रमोटर विलफुल डिफॉल्टर के रूप में वर्गीकृत कर दिया जाता है, तो ऐसी स्थिति में वो जिस भी कंपनी का निदेशक है उसकी फंडिंग के साधनों पर रोक लगा दी जाती है। बैंक के कई नोटिस मिलने के बावजूद कंपनी ने कर्ज नहीं चुकाया।
बैंक ने कंपनी के डायरेक्टर, प्रमोटर और गारंटरों को भी विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। इसके अलावा कंपनी अगले पांच साल तक कोई नई फैक्ट्री या फिर व्यापार को शुरू नहीं कर सकती है।
बैंक ने इसके अलावा 655 अन्य कंपनियों को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। इन कंपनियों में जूम डेवलपर्स (309.50 करोड़ रुपये), फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया (142.94 करोड़ रुपये), मोजर बेयर इंडिया (122.15 करोड़ रुपये) और सूर्या विनायक इंडस्ट्रीज (107.81 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में बिडंबना ये है कि जिस यूको बैंक ने यश बिरला को डिफॉल्टर घोषित किया है, उसकी स्थापना यश के पूर्वजों ने ही की थी। घनश्याम दास बिरला के भाई रामेश्वर बिरला अशोक बिरला के पर दादा थे। यश बिरला अशोक बिरला के ही बेटे हैं।