नई दिल्ली(एजेंसी): फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार के बिकने के बाद अब ऑनलाइन ग्रॉसरी कंपनी बिग बास्केट के बिकने की बारी है. टाटा ग्रुप इसकी बहुसंख्यक हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश में है. इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक टाटा ग्रुप और बिग बास्केट के बीच इस सौदे को लेकर बातचीत जारी है. टाटा ग्रुप बिग बास्केट की 50 फीसदी हिस्सेदारी 750 करोड़ रुपये में खरीद सकता है.
चीन की कंपनी अलीबाबा की बिग बास्केट में 26 फीसदी है. माना जा रहा है कि अलीबाबा इसमें अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच कर निकलना चाहती है. बिग बास्केट में कुछ दूसरी कंपनियां भी हिस्सेदार हैं. इनमें एसेंट कैपिटल, सीडीसी ग्रुप और अबराज ग्रुप शामिल हैं. इस सौदे के जानकारों का कहना है बातचीत अभी चल रही है, जरूरी नहीं कि यह सौदा हो ही जाए. टाटा ग्रुप के सूत्रों का कहना है कि उनका समूह अपनी डिजिटल यूनिट टाटा डिजिटल के जरिये इस सौदे को पूरा करना चाहता है. लेकिन टाटा ग्रुप अपनी डिजिटल उपस्थिति भी बढ़ाना चाहता है इसलिए वह बिग बास्केट के अलावा कुछ दूसरी कंपनियों में भी हिस्सेदारी खरीद सकता है. पिछले दिनों खबर आई थी कि टाटा समूह स्नैपडील या इंडिया मार्ट में हिस्सेदारी खरीद सकता है. बिग बास्केट से जुड़े सूत्र का कहना है कि टाटा ग्रुप के लिए यह सौदा आसान नहीं होगा क्योंकि इसमें कई निवेशक हैं.
बिग बास्केट ने कुछ महीनों पहले गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टेनली को फंड जुटाने में मदद के लिए नियुक्त किया था. कंपनी का इरादा इस राउंड की फंडिंग की जरिये अपनी वैल्यूएशन दो अरब डॉलर तक बढ़ाने का है. ई-रिटेल कंपनियों को सलाह देने वाले एक कंस्लटेंट ने कहा कि कोरोना संक्रमण ने रिटेलिंग का पूरा कॉन्सेप्ट बदल कर रख दिया है. भारत में अब ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन खरीदारी को तरजीह दे रहे हैं. खास कर इस दौरान ऑनलाइन ग्रॉसरी सेगमेंट काफी तेजी से बढ़ा है. यह सेगमेंट निवेशकों को काफी आकर्षक लग रहा है.