नई दिल्ली(एजेंसी): फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल, वेयरहाउसिंग और यूनिटों के अधिग्रहण के सिलसिले में रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड उसके 19 हजार करोड़ के कर्ज और देनदारियों को चुकाएगी. रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी है. बाकी देनदारी को फ्यूचर को खुद चुकानी होगी.
इकॉनमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक फ्यूचर के चीफ किशोरी बियानी परिवार को अपना निजी कर्ज को ग्रुप में अपने सारे शेयर गिरवी रख कर चुकाना होगा. अगर बियानी अपने कारोबार पर चढ़े कर्ज और देनदारियों को खुद नहीं चुका पाते हैं तो रिलायंस इसे टेकओवर कर लेगा लेकिन फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस के हाथों बिक्री में पहले की कीमत नहीं मिलेगी. इस सौदे की पूरी कीमत 24,713 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होगी.
बहरहाल, फ्यूचर को कर्ज देने वाले बैंक और दूसरे वित्तीय संस्थान रिलायंस के साथ इसका सौदा पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं. जिन्होंने फ्यूचर को कर्ज दिया है, उन्हें पूरी उम्मीद है कि उन्हें अपना पैसा वापस मिल जाएगा. लेकिन उनका कहना है कि फ्यूचर की तुलना में रिलायंस की देनदारी की क्षमता निश्चित रूप से ज्यादा है. लेकिन यह देखना होगा कि रिलायंस इस पर क्या रुख अपनाता है. क्या वह इस कर्जे में कटौती की मांग करेगा या इसे पूरा चुकता कर देगा या फिर इसकी री-स्ट्रक्चरिंग की मांग करेगा.
फ्यूचर और इसकी दूसरी इकाइयों पर कम से कम 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल ने शनिवार को ऐलान किया था कि फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग बिजनेस को 24,713 करोड़ रुपये में खरीदेगी.