फॉर्म 16 में हुए बदलाव, नौकरी पेशा व्यक्ति जानिए क्या बदला आपके लिए

नई दिल्ली (एजेंसी)। अगर आप नौकरी करते हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है। दरअसल, आयकर विभाग ने फॉर्म 16 को लेकर बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव का असर करोड़ों नौकरीपेशा लोगों पर पड़ने की उम्‍मीद है। ऐसे में इस बड़े बदलाव के बारे में जानना जरूरी है।

हर कंपनी अपने कर्मचारियों को जून के मध्‍य तक एक फॉर्म भेजती है, जिसे फॉर्म- 16 कहा जाता है। इस फॉर्म के जरिये कंपनी यह प्रूफ देती है कि आपकी सैलरी में जो टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) बनता था, वह काटने के बाद आयकर विभाग के पास जमा कर दिया गया है। इस फॉर्म में वो सभी जानकारियां होती हैं, जिनकी जरूरत आपको आयकर रिटर्न भरने के लिए पड़ती हैं।

दरअसल, आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए नियोक्ताओं यानी कंपनियों के फार्म-16 जारी करने की अंतिम तिथि को 25 दिन बढ़ाकर 10 जुलाई कर दी है। यानी 10 जुलाई तक कंपनियां अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी कर सकेंगी। हालांकि इस समयसीमा को बढ़ाए जाने से नौकरीपेशा लोगों के पास अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए 20 दिन का ही समय बचा रहेगा।

बता दें कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तिथि 31 जुलाई है। इसी के साथ वित्त वर्ष 2018-19 के लिए नियोक्ताओं के फॉर्म-24क्यू के माध्यम से स्रोत पर कर कटौती के विवरण दाखिल करने की तारीख भी 30 जून, 2019 तक बढ़ा दी गयी है।

बता दें कि बीते मई महीने में फॉर्म 16 में संशोधन भी हुआ है। इस संशोधन के तहत फॉर्म जारी करने वाले (नियोक्ता) को अब इसमें कर्मचारी के बारे में ज्यादा जानकारियां देनी होंगी।

नए फॉर्म-16 में अलग-अलग टैक्स सेविंग्स स्कीम के तहत किए गए निवेश, उससे जुड़ी कटौतियां, कर्मचारी को मिले अलग-अलग भत्तों और दूसरे स्त्रोतों से हुई आय का ब्यौरा भी शामिल होगा।

यह संशोधित फॉर्म 12 मई 2019 से प्रभाव में आ गया है। इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न संशोधित फॉर्म 16 के आधार पर भरा जाएगा।

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