नई दिल्ली (एजेंसी). नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के खिलाफ लाठीचार्ज के विरोध में शर्ट खोलकर प्रदर्शन कर रहे छात्र शहजाद ने वहां मौजूद लोगों की बात मान ली है. करीब दो घंटे बाद शहजाद ने कंबल ओढ़ लिया है. शहजाद छात्रों के ऊपर हुई पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ कड़कड़ाती ठंड में यूनिवर्सिटी के गेट पर प्रदर्शन कर रहा था. शहजाद की तरह ही जामिया के कई छात्रों ने शर्ट उतारकर दिल्ली की भीषण ठंड में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ये छात्र दिल्ली पुलिस हाय हाय के नारे लगा रहे हैं। इनका कहना है कि छात्रों के साथ लाइब्रेरी के अंदर घुसकर मारपीट की गई जिसके विरोध में ये लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
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शर्ट उतार कर बैठे छात्र धरना खत्म करते हुए कहा कि इस मामले की मैजिस्ट्रेट जांच हो. शहजाद को जामिया के छात्रों के अलावा वहां मौजूद कुछ अन्य बुजुर्गों ने भी धरना खत्म करने को कहा था.
जानकारी के मुताबिक, शहजाद ने करीब 2 घंटे बाद कंबल ओढ़कर धरना खत्म किया. वह लाइब्रेरी में कथित हिंसा करनेवाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई चाहता था. हालांकि, पुलिस ने इस मामले को लेकर कहा कि लाइब्रेरी की हिंसा में वे शामिल नहीं थे.
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प्रदर्शन खत्म करते हुए शहजाद ने यह भी कहा कि लाइब्रेरी में हुई हिंसा में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं फिर से धरने पर बैठूंगा.
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ जामिया छात्रों ने जो प्रदर्शन किया और बाद में पुलिस ने जो कार्रवाई की, अब इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज हो गई है. ये शिकायत पुलिस के खिलाफ दर्ज कराई गई है.
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जामिया हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट में CJI की कोर्ट में उठा. चीफ जस्टिस एस. ए. बोबड़े ने कहा कि हम किसी को भी आरोपी नहीं बता रहे हैं, बस हम कह रहे हैं कि हिंसा रुकनी चाहिए. हम किसी के खिलाफ कुछ नहीं कह रहे हैं, हम ये भी नहीं कह रहे हैं कि पुलिस या छात्र निर्दोष हैं. CJI ने कहा कि आप छात्र हैं इसलिए आपको हिंसा का अधिकार नहीं मिलता है. अगर हिंसा नहीं रुकी तो वह इस मामले में सुनवाई नहीं करेंगे.
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