चेन्नई: कोविड-19 की महामारी की वजह से आर्थिक संकट से गुजर रही तमिलनाडु सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी पर जुलाई 2021 तक रोक लगाने की घोषणा की. सरकार ने अर्जित अवकाश के बदले कैश भुगतान पर भी एक साल तक रोक लगा दी है.
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा हाल में जारी आदेश का हवाला दिया जिसमें एक जनवरी 2020 से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते (डीए) की अतिरिक्त किस्त का भुगतान नहीं करने की जानकारी दी गई थी. तमिलनाडु सरकार ने सरकारी आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने भी अपने कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और परिवारिक पेंशन भोगियों के लिए केंद्र के फैसले के अनुरूप महंगाई भत्ता देने का निर्णय किया है.
बता दें कि पिछले साल जारी केंद्र के सरकारी आदेश के मुताबिक महंगाई भत्ता मूल वेतन का 17 फीसदी था. यह आदेश एक जुलाई, 2019 से प्रभावी था. इस बढ़त से पहले तमिलनाडु सरकार के कर्मचारियों का डीए मूल वेतन का 12 फीसदी था.
राज्य सरकार के मुताबिक, एक जनवरी 2020 से लागू डीए की बढ़ी हुई दर की किस्त कोविड-19 की वजह से अब राज्य के कर्मचारियों, शिक्षकों, पेंशनभोगियों, पारिवारिक पेंशन भोगियों को नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को डीए की अतिरिक्त किस्त का भी भुगतान नहीं किया जाएगा.
यह आदेश सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मियों और स्थानीय निकाय के कर्मचारियों पर भी लागू होगा.
एक अन्य सरकारी आदेश में राज्य सरकार ने कहा कि साल में 15 दिन और दो साल में 30 छुट्टियां वापस करने पर किया जाने वाला भुगतान सभी कर्मचारियों और शिक्षकों के लिये एक साल तक स्थगित रहेगा और इस संबंध में किसी भी आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की होगी.