नई दिल्ली(एजेंसी): अमूमन नौकरी ज्वाइन करते वक्त कंपनियां आपसे सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए कहती हैं. अगर कंपनी का किसी बैंक में सैलरी अकाउंट है तो वह उसी बैंक में कर्मचारी को खाता खुलवाने के लिए कहती हैं. कई बार कंपनी बैंक बदल लेती है. इससे कर्मचारी का सैलरी अकाउंट भी दूसरे बैंक में चला जाता है.
कर्मचारी जब कंपनी बदलते हैं तो यह अकाउंट वैसा ही रह जाता है. इस तरह की स्थिति में कर्मचारियों के कई बैंक अकाउंट हो जाते हैं और वे उन्हें बंद नहीं करा पाते हैं. अगर आपके पास भी ऐसे बैंक अकाउंट हैं जिनमें अब आप कोई ट्रांजेक्शन नहीं कर रहे हैं तो उन्हें जल्द से जल्द बंद करा दें. बैंक ग्राहकों के जीरो बैलेंस सैलरी अकाउंट में कुछ महीनों तक सैलरी क्रेडिट नहीं होने पर उसे बचत खाते में बदल देते हैं, जिसमें मिनिमम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों को एक्सट्रा चार्ज देना पड़ता है. लिहाजा ऐसे अकाउंट को तुरंत बंद कराने की जरूरत है.
अकाउंट बंद कराने से पहले खाते में जमा सारा पैसा निकाल लें. आप एटीएम या ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिये भी सारा पैसा निकाल सकते हैं. खाता बंद करवाते समय अपने अकाउंट से लिंक सभी डेबिट्स को डीलिंक करवा लें. अगर खाते से ईएमआई जाती है तो लोन देने वाले बैंक या संस्था को अपना नया बैंक अकाउंट नंबर दें.
आम तौर पर सेविंग्स अकाउंट खुलवाने के चौदह दिनों के भीतर उसे बंद करवाने पर बैंक कोई चार्ज नहीं लेते हैं. चौदह दिनों से लेकर एक साल की अवधि के दौरान अकाउंट बंद करवाने पर आपको क्लोजर चार्ज देना पड़ सकता है. एक साल से पुराने खाते को बंद करवाने पर बैंक आम तौर पर कोई चार्ज नहीं लेते हैं.