कोरोना की दूसरी लहर के कारण कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं- मसलन सांस फूलना, ऑक्सीजन की कमी, बुखार, शरीर, मांसपेशियों में दर्द, सूखी काफ वाली खांसी, सिरदर्द आदि. कोरोना की दूसरी लहर में कई मरीजों में कोरोना की एंटीजेन और आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी एचआरसीटी की रिपोर्ट में फेफड़ों में कोरोना संक्रमण पाया जा रहा है. कोरोना का ये स्ट्रेन फेफड़ों के लिए बेहद घातक है. इससे फेफड़े ब्लाक हो जा रहे हैं और लोगों का ऑक्सीजन लेवल घट जाने से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है. ऐसे में अगर आप सांस से सम्बंधित कुछ व्यायाम करते हैं तो ना केवल आपको फायदा होगा बल्कि आपके फेफड़े भी मजबूत होंगे. लेकिन कई लोग गहरी सांस लेने का ठीक तरीका नहीं जानते हैं. आइए मायउपचार पर छपी रिपोर्ट के अनुसार, जानते हैं गहरी सांस लेना का ठीक तरीका..
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फेफड़ों तक गहरी सांस भरने से पहले किसी शांत और प्राकृतिक जगह पर मैट बिछाकर लेट जाएं. सिर और घुटनों पर तकिया रख लें. आप कुर्सी पर बैठकर भी इसका अभ्यास कर सकते हैं. इस बात का ख्याल रखें कि कुर्सी पीठ, कंधों और गर्दन को सपोर्ट देने वाली हो.
आंखें बंद कर लें और आसपास के वातावरण को महसूस करें. हवा की आवाज, पेड़ और पंक्षियों की आवाज. इसे सुनते हुए धीरे-धीरे गहरी सांस पेट तक भरें. सांस को जितना संभव हो रोक कर रखें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें.
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इस अभ्यास को करते हुए अपना एक हाथ पेट और दूसरे हाथ को सीने पर रखें. इस बात का ख्याल रखें कि जब सांस भरें तो महसूस करें कि हवा में मौजूद ऑक्सीजन फेफड़ों को मजबूत बना रही है. और जब आप सांस छोड़ें तो ये महसूस करें कि सारी नकारात्मकता और बीमारियां छोड़ी हुई सांस के साथ शरीर से बाहर जा रही हैं.
सांस लेने और छोड़ने की अवधि एक सामान होनी चाहिए. सांस लेते समय मन में 5 तक गिनें और छोड़ते समय भी यही प्रक्रिया दोहराएं. ऐसे में सांस लेने और छोड़ने का समय एक सामान होगा.
एक्सरसाइज करते समय थोड़े ढीले-ढाले और आरामदायक कपड़े पहनें. बहुत आराम से सांस लें और छोड़ें. इसमें ज्यादा ताकत ना लगाएं. इसे बेहद सहज रूप से 10 से 20 मिनट तक करें.
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(ये एक सामान्य स्थिति में किये जाने वाले व्यायाम हैं. इसे प्रयोग करने के पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य करें और उनके मार्गदर्शन में ही व्यायाम करें.)