ग्वालियर (एजेंसी)। दतिया निवासी एमबीए पास एक दुल्हन ने दहेज मांगने पर बारात लौटा दी। शादी ग्वालियर के जीवाजी क्लब में हो रही थी। फेरे के समय लड़के वालों ने वधु पक्ष से लाखों रुपए की मांग की, जिस पर दुल्हन ने शादी से इनकार कर दिया । घटना की सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने दूल्हा और उसके पिता को हिरासत में ले लिया है।
सराफा कारोबारी द्वारका प्रसाद अग्रवाल की एमबीए पास बेटी शिवांगी की शादी 15 फरवरी को ग्वालियर के जीवाजी क्लब में हो रही थी। लड़की के पिता ने अपने सामर्थ्य अनुसार पांच लाख रुपए नगद, 10 तोला सोना और कपड़े पहले ही दे चुके थे। इसके बाद दूल्हे के पिता ने फेरों के समय लड़की वालों से संदूक खोलने को कहा। जिसमें उन्हें दहेज कम लगा इसके बाद उन्होंने दो लाख रुपए नगद और गाड़ी की मांग की। इसके बिना फेरे कराने से इंकार कर दिया।
जब एमबीए पास दुल्हन शिवांगी लड़के वालों की डिमांड के बारे में पता चला तो उसने डायल-100 पर फोन कर पुलिस को बुला लिया और शादी से इंकार कर दिया। पढ़ी-लिखी और निजी कंपनी में नौकरी करने वाली शिवांगी ने बारात को खाली हाथ वापस लौटा दिया और कहा कि दहेज लालचियों के घर उसे नहीं जाना है। शिवांगी के पिता ने बेटी के फैसले पर गर्व जताते हुए उसके फैसले का सम्मान किया है। उन्हें गर्व है और उसने जो भी फैसला किया है वे उसके साथ हैं।
बता दें कि दूल्हे के पिता सुरेश अग्रवाल ग्वालियर के फालका बाज़ार में सेनेट्री और हार्डवेयर के कारोबारी है। दूल्हा प्रतीक अग्रवाल भी अपने पिता के साथ दुकान पर बैठता है। दूल्हे का कहना है कि उन्होंने कोई दहेज नहीं मांगा और बॉक्स में दिया गया दुल्हन का सामान देख रहे थे। दूल्हे का कहना है कि वह अभी भी शादी के लिए तैयार है।
दहेज लोभियों के घर ना जाकर दुल्हन शिवांगी ने एक उदाहरण पेश किया, जिसकी सभी सगे संबंधियों ने तारीफ की। शिवांगी अग्रवाल ने जो कदम उठाया है उस पर उन्हें कोई अफसोस नहीं, अलबत्ता वो खुश है कि दहेज दानवों की बहुत जल्द उन्होंने पहचान कर ली और उन्हें उनकी सही जगह यानि हवालात पहुंचा दिया।