नई दिल्ली (एजेंसी). मोबाइल फोन ग्राहक अपने नंबर को बदले बिना कंपनी को बदल सकते हैं. ये नियम पहले से है, लेकिन अब इस प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा पांच दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. यानी आपके नंबर को बदले बिना कंपनी को बदलने का विकल्प और आसान हो जाएगा.
टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने संशोधित नियम पेश कर दिया है. संशोधित नियम के मुताबिक, अगर ऑपरेटर पोर्टिंग के आवेदन को गलत तरीके से खारिज कर देता है तो उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा.
विशेष सर्विस क्षेत्र के अंदर पोर्टिंग आवेदन को तीन दिनों में पूरा करना होगा. जबकि एक सर्किल से दूसरे सर्किल में जाने पर पोर्टिंग आवेदन का समय पांच दिनों का होगा. नये संशोधित नियम में सबसे बड़ा बदलाव यूनिक पोर्टिंग कोड (यूपीसी) से संबंधित किया गया है. जिसके मुताबिक अब टेलीकॉम ऑपरेटर यूपीसी आवेदन को हासिल कर तुरंत संबंधित एमएनपीएसपी को फोरवर्ड कर देगा. एमएनपीएसपी, डोनर ऑपरेटर के डाटाबेस के साथ जांच कर यूपीसी जेनरेट करेगा और उसके बाद सब्सक्राइबर को भेज देगा. साथ ही यूपीसी का रिकॉर्ड एमएनपीएसपी रखेगा. ताकि पोर्टिंग के आवेदन को ऑपरेटर सत्यापित कर सके.
बता दें मोबाइल नंबर पोर्टिलिबिटी एक ऐसी सुविधा है जिसमें ग्राहकों को अपना नंबर बदले बिना ऑपरेटर को बदलने का विकल्प रहता है.