Paytm का अफवाहों पर जवाब, कार्ड-यूपीआई-नेटबैंकिंग पर किसी तरह का ट्रांसैक्शन चार्ज नहीं लगेगा

नई दिल्ली (एजेंसी)। अगर आप डिजिटल वॉलेट पेटीएम का इस्‍तेमाल करते हैं तो आपके लिए अच्‍छी खबर है। दरअसल, मीडिया में ऐसी खबरें चल रही थीं पेटीएम, 1 जुलाई से मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) का बोझ ग्राहकों पर डालने की तैयारी में है। इस खबर के बाद पेटीएम यूजर्स की चिंता बढ़ गई थी लेकिन अब कंपनी ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है।

पेटीएम की ओर से स्‍पष्‍ट किया गया कि ग्राहक बिना किसी शुल्क के प्‍लेटफॉर्म पर उपलब्ध सभी सेवाओं का उपयोग जारी रख सकते हैं। पेटीएम के बयान में कहा गया, “पेटीएम ऐप/पेमेंट गेटवे किसी भी भुगतान प्रणाली का उपयोग करने पर हमारे ग्राहकों से कोई सुविधा/लेनदेन शुल्क नहीं लेता है। इस भुगतान प्रणाली में कार्ड, यूपीआई, नेट-बैंकिंग और वॉलेट शामिल हैं।” पेटीएम ने यह भी स्‍पष्‍ट किया कि हमारा भविष्‍य में किसी भी तरह का चार्ज लगाने या बढ़ाने का इरादा नहीं है।

दरअसल, मीडिया में ऐसी खबरें चल रही थीं कि पेटीएम मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) का बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू करेगी। खबरों में दावा किया जा रहा था कि पेटीएम ग्राहकों को 1 जुलाई से क्रेडिट कार्ड्स के जरिए पेमेंट्स पर एक फीसदी, डेबिट कार्ड्स के लिए 0.9 फीसदी के अलावा नेट बैंकिंग और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के जरिए ट्रांजेक्शंस पर 12 से 15 रुपये तक का चार्ज देना होगा। हालांकि पेटीएम के बयान के बाद इन अफवाहों पर विराम लग गया है।

बैंक और कार्ड कंपनियां डिजिटल ट्रांजेक्शंस के लिए एमडीआर लेते हैं। एमडीआर वह फीस है, जो दुकानदार डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर आपसे लेता है। आसान भाषा में आप कह सकते हैं कि यह डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट की सुविधा पर लगने वाली फीस है। हालांकि वर्तमान में पेटीएम इस चार्ज का बोझ खुद उठाती है और अपने प्लेटफॉर्म से होने वाले पेमेंट्स के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त रकम नहीं लेती है।

बता दें कि पिछले साल डिजिटल ट्रांजेक्शंस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कहा था कि वह 2,000 रुपये तक के ट्रांजेक्शंस पर एमडीआर चार्जेज खुद वहन करेगी। यह नियम उन पेमेंट्स के लिए था, जो डेबिट कार्ड्स, भीम, यूपीआई या आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम से किए जाएं।

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