भोपाल. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार आखिरकार गुरुवार 2 जुलाई को हो ही गया. लंबी मशक्कत और चर्चाओं के बाद सभी पक्षों में सहमति और आलाकमान की हरी झंडी के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने चौथे कार्यकाल के दूसरे विस्तार को पूरा किया. इस विस्तार की खास बात ये रही कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थन वाले 10 नेताओं को मंत्री पद दिलाने में सफल रहे.
3 महीन तक कैबिनेट में थे सिर्फ 5 मंत्री
मार्च में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान रिकॉर्ड चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण करीब एक महीने तक वो बिना किसी कैबिनेट के रहे.
21 अप्रैल को शिवराज ने छोेटा कैबिनेट विस्तार किया था और 5 मंत्रियों ने शपथ लगी थी. इस दौरान कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को भी शामिल किया गया था.
सिंधिया ने पूरी करवाई अपनी मांग
कमलनाथ सरकार को गिराने वाले पूर्व कांग्रेस सांसद और मौजूदा बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले 22 में से 10 और नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने की शर्त रखी थी और इस पर अड़े रहे.
आखिरी लंबी माथापच्ची के बाद मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नामों पर सहमति बनी और शिवराज सरकार का विस्तार हुआ. सिंधिया समर्थक इन 10 लोगों ने शपथ ली-
एदल सिंह कसाना
इमरती देवी
महेंद्र सिंह सिसोदिया
प्रद्युम्न सिंह तोमर
प्रभुराम चौधरी
ओपीएस भदौरिया
गिरिराज दंडोतिया
राजवर्धन सिंह दत्तीगांव
सुरेश धाकड़
बृजेंद्र सिंह यादव
इसके साथ ही कैबिनेट में अब सिंधिया के समर्थन वाले 12 मंत्री हो गए हैं. वहीं शिवराज ने अपने कैबिनेट में 2 और पूर्व कांग्रेसी नेता हरदीप सिंह डंग और बिसाहू लाल सिंह को भी जगह दी है.