McDonald’s और विक्रम बख्‍शी के विवाद के बीच हुडको ने अड़ाई टांग

नई दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिका की चर्चित फूड चेन मैकडॉनल्ड्स और कंपनी के भारत में एमडी विक्रम बख्शी के बीच का विवाद सुलझने ही वाला था कि एक नई मुश्किल सामने आ गई है। दरअसल, नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने एक दशक लंबे विवाद में मैकडॉनल्ड्स इंडिया और विक्रम बख्शी के बीच हुए सेटलमेंट पर रोक लगा दी है।

NCLAT ने आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको) की याचिका पर यह आदेश दिया है। हुडको ने विक्रम बख्शी पर 195 करोड़ रुपये के बकाये का दावा किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 मई को होगी। इस मामले की सुनवाई NCLAT के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ कर रही है।

दरअसल, फास्ट फूड चेन मैकडॉनल्ड्स ने बख्‍शी के साथ बीते दिनों अदालत के बाहर कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लि. (सीपीआरएल) को खरीदने का समझौता किया है। यह रेस्‍टोरेंट चेन उत्तर और पूर्वी भारत में अमेरिका की फास्ट फूड कंपनी के आउटलेट्स का परिचालन करती है। इस बीच हुडको ने NCLAT में याचिका दायर कर दी।

हुडको का कहना है कि मैकडॉनल्ड्स के साथ सौदा पूरा होने से पहले उसका बकाया मिलना चाहिए। हुडको ने अपनी याचिका में दिल्ली के कर्ज वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) में चल रहे मामले का हवाला दिया। बीते बुधवार को सुनवाई के दौरान हुडको का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपीलीय न्यायाधिकरण से कहा कि अभी इस मामले का निपटान नहीं हो सकता। यह मामला डीआरटी में लंबित है।

मेहता ने कहा कि बख्‍शी द्वारा कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लि. में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री से पहले उसके बकाया का निपटान किया जाए। तुषार मेहता का कहना है कि डीआरटी ने बख्‍शी पर सीपीआरएल में अपने शेयर बेचने या उसे स्थानांतरित करने पर रोक लगाई है। हालांकि, बख्‍शी और मैकडॉनल्ड्स के वकील ने अपीलीय न्यायाधिकरण से आगे बढ़ने की अपील करते हुए कहा कि उनका यह करार पूरा होने के करीब है। उन्होंने पीठ से एक दूसरे के खिलाफ दायर अपनी अपनी याचिका को वापस लेने का भी आग्रह किया। इस पर पीठ ने कहा कि हम न्यायाधिकरण के आदेश को रोक नहीं सकते। NCLAT की पीठ ने आदेश दिया है कि इस मामले का हुडको के साथ निपटाया जा रहा है।

Related Articles