खरतरगच्छाधिपति श्री जिनमणिप्रभ सूरीश्वर जी द्वारा 5 वे आचार्य की घोषणा

उपाध्याय श्री महेन्द्र सागर जी होंगे 5 वे आचार्य जैसलमेर में आचार्य पदवी का समारोह

रायपुर. तीर्थंकर परमात्मा श्री महावीर स्वामी के पंचम गणधर, पट्ट परम्परा के प्रथम महानायक, श्री सुधर्मा स्वामी के पट्ट पर विराजित 82 वे वर्तमान पट्टधर गच्छ नायक आचार्य श्री जिनमणिप्रभ सूरीश्वर जी के द्वारा द्वारा आज बाड़मेर में सूरी मंत्र की पीठिका की पूर्णता पश्चात आयोजित महा मांगलिक कार्यक्रम में विशाल जनमेदिनी की उपस्थिति में खरतरगच्छ में वर्तमान में उपाध्याय पद को सुशोभित कर रहे प.पू. अध्यात्म योगी श्री महेंद्रसागर जी मसा को जैसलमेर में चादर महोत्सव के दौरान आचार्य पदवी प्रदान करने की घोषणा की।

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श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद व महासचिव महेन्द्र कोचर ने निर्णय की अनुमोदना करते हुए कहा कि निःसंदेह पूज्य गुरुदेव का यह निर्णय खरतरगच्छ के उत्थान में मिल का पत्थर साबित होगा ।

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पांचवें आचार्य के नाम की घोषणा होते ही संपूर्ण भारत के  सकल खरतरगच्छ संघ में हर्ष का वातावरण व्याप्त हो गया। लोग एक दूसरे को बधाईयां प्रेषित कर रहे थे, उल्लेखनीय है की जयपुर की प्रतिष्ठा के दौरान ही पूज्य गच्छाधिपति भगवंत ने आपको एवं प.पू.श्री मनीषसागर जी म.सा.को उपाध्याय पदवी प्रदान करने की संपूर्ण विधि करवाई थी।

बाड़मेर में जैसे ही आचार्य पदवी प्रदान करने की घोषणा हुई , रायपुर श्रीसंघ में हर्ष की लहर दौड़ गई। संघ के सभी सदस्यों ने विवेकानंद नगर में विराजित प. पू. महेन्द्रसागर जी म सा को बधाई देने के लिए उमड़ पड़े। पुनः गुरुदेव के निर्णय का स्वागत करते हुए उपाध्याय भगवंत को जो शीघ्र ही आचार्य बनने जा रहे है उनको बहुत बहुत बधाईयां प्रेषित करते है।

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