नई दिल्ली (एजेंसी). देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) को अमेरिका के कैलिफोर्निया में कर चोरी के आरोप में आठ लाख डॉलर (56 करोड़ रुपये) चुकाने होंगे। कंपनी पर आरोप है कि उसने 2006 से 2017 के बीच 500 कर्मचारियों को गलत वीजा पर रखा था, जिससे उसने टैक्स बचाया था। कंपनी सेटलमेंट करने के लिए यह जुर्माना चुकाएगी।
यह भी पढ़ें :
जामिया हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इंकार, हाई कोर्ट जाने का निर्देश
कंपनी के 500 कर्मचारी एच-1बी वीजा के बजाए बी-1 वीजा पर कैलिफोर्निया में कार्य कर रहे थे। इनमें बेरोजगारी बीमा, अक्षमता बीमा और रोजगार प्रशिक्षण कर शामिल हैं। अटॉर्नी जनरल बेसरा ने कहा कि इन्फोसिस के सेटलमेंट के फैसले से पता चलता है कि कैलिफोर्निया के कानून से बचने की कोशिश नाकाम रही।
यह भी पढ़ें :
2008 जयपुर सीरियल ब्लास्ट : 11 साल बाद 4 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार किया, एक बरी
कम भुगतान करने और टैक्स बचाने के लिए कंपनी गलत वीजा पर कर्मचारियों को लाई। हालांकि, इंफोसिस ने आरोपों से इनकार किया है। उसका कहना है कि 13 साल पुराने इस मामले में समय-पैसा बचाने और लंबी मुकदमेबाजी टालने के लिए सेटलमेंट का फैसला किया।
यह भी पढ़ें :
निर्भया : दोषियों की फांसी की तारीख पर फैसला टला, अगली सुनवाई 7 जनवरी को
शेयरधारकों के अधिकारों के समर्थन में आवाज उठाने वाली लॉस एंजिल्स की कंपनी शॉल लॉ फर्म ने वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप में इंफोसिस के खिलाफ क्लास एक्शन सूट दाखिल करने की घोषणा की है। क्लास एक्शन सूट में कई लोगों के समूह का प्रतिनिधित्व किया जाता है।
यह भी पढ़ें :
Comments are closed.