मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल संरक्षण को बताया भविष्य सुरक्षा का आधार, ‘सुजलाम भारत’ कार्यशाला में दिए महत्वपूर्ण संदेश

जल संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : टोप्पो

रायपुर (अविरल समाचार). राजधानी रायपुर के ओमाया गार्डन में ‘सुजलाम भारत’ अभियान के अंतर्गत आयोजित जल संरक्षण एवं जल संवर्धन विषयक कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा, जल है तो कल है, और जल से ही कल संवरेगा।” उन्होंने कहा कि जल संरक्षण को जन आंदोलन का स्वरूप देने की आवश्यकता है, जिससे हम अपने और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित बना सकें। जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि जल संरक्षण को सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है ।

मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर जल कलश पर केलो नदी का पवित्र जल अर्पित कर जल संचयन का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन का आधार है, और हमारी नदियाँ न केवल धरती को सिंचती हैं बल्कि हमारी संस्कृति और सभ्यता की पहचान भी हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जल संकट को लेकर व्यक्त की गई चिंताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जल के प्रति जागरूकता की कमी इस संकट को और गंभीर बना सकती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग अपने-अपने स्तर पर जल संरक्षण के लिए प्रयास कर रहे हैं और ऐसे मंचों से प्राप्त सुझाव नीति निर्माण में सहायक होंगे।

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अपने राजनांदगांव प्रवास का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री साय ने बताया कि एक महिला सरपंच द्वारा सूखे हैंडपंपों को पुनर्जीवित करने की स्वप्रेरित पहल को केंद्र सरकार द्वारा सराहा गया और उसे आगे बढ़ाने हेतु वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरण समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं और यह दिखाते हैं कि सामूहिक प्रयासों से बड़े परिवर्तन संभव हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे जल संरक्षण के प्रयासों में सक्रिय भागीदारी निभाएं और इसे एक जनआंदोलन का रूप दें। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाना और बेहतर कार्ययोजनाओं के लिए सुझाव एकत्र करना था। कार्यशाला में कई विशेषज्ञों ने भी अपने अनुभव और सुझाव साझा किए।

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जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम की संकल्पना की गई है। विभिन्न विभागों को एक-एक थीम पर संगोष्ठी आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत जलशक्ति मंत्रालय द्वारा जल संचयन विषय पर इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज लगभग 300 से अधिक लोगों ने, जो जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत हैं, अपना पंजीयन कराया है। जल संरक्षण को सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है

कार्यक्रम में पद्मश्री श्रीमती फूलबासन बाई यादव, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।

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