नई दिल्ली (एजेंसी)। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (NDTL) की मान्यता छह महीने के लिए निलंबित कर दी है। टोक्यो ओलंपिक के आयोजन में एक वर्ष का भी समय नहीं बचा है, ऐसे में वाडा का यह कदम देश में डोपिंग के खिलाफ चल रहे अभियान के लिए एक बड़ा झटका है।
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने वाडा से मान्यता प्राप्त देश की एकमात्र लेबोरेटरी के निलंबन के लिए राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (NADA) को दोषी ठहराया है। आईओए ने कहा कि नाडा की गलतियों ने देश में डोपिंग निरोधक कार्यक्रम का मार्ग अवरुद्ध कर दिया है।
वाडा ने राष्ट्रीय डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने के कारण छह महीने के लिए निलंबित कर दिया। नाडा अगले 21 दिनों में इसके खिलाफ अपील कर सकता है। आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा, ‘अब हमें रुपयों की बजाय डॉलर में भुगतान करना होगा। मुझे चिंता इस बात की है कि अतिरिक्त लागत कौन वहन करेगा।’
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय खेल महासंघ अतिरिक्त लागत वहन करने की स्थिति में नहीं है और नाडा की गलतियों का खामियाजा हम क्यो भुगतें।’ बत्रा ने कहा कि वाडा से बार-बार सूचित किए जाने के बावजूद नाडा हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा।
उन्होंने कहा, ‘यह मसला आंतरिक रूप से पिछले एक साल से चल रहा था। वाडा बारंबार एनडीटीएल की टेस्ट पद्धतियों को लेकर कमियां गिना रहा था, लेकिन नाडा ने कुछ नहीं किया।’ नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल से बार-बार प्रयास के बावजूद संपर्क नहीं हो सका।
वाडा ने अपनी वेबसाइट पर जारी मीडिया विज्ञप्ति में बताया कि वाडा के निरीक्षण के दौरान एनडीटीएल को प्रयोगशालाओं के लिए तय अंतरराष्ट्रीय मानकों (आईएसएल) के अनुरूप नहीं पाया गया, जिसके कारण उसे निलंबित किया गया।