नई दिल्ली (एजेंसी)। बाढ़ और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में भारी नुकसान हुआ है। यहां के आठ जिलों में त्राहि त्राहि मची है। कई जगह बादल फटने के बाद कोहराम मचा हुआ है तो कई जगह भूस्खलन से पहाड़ टूट कर सड़कों पर गिर रहे हैं। उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र में रविवार को बादल फट गया था। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
आपदा प्रबंधन के सचिव एस ए मुरुगेसन ने बताया कि उत्तरकाशी के मोरी तहसील में बादल फटने से 17 लोगों की मौत हो गई है। राहत और बचाव कार्य चल रहा है। इससे पहले सोमवार को वित्त सचिव अमित नेगी, महानिरीक्षक (आईजी) संजय गुंज्याल और उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) आशीष चौहान ने अरकोट में हालात का जायजा लिया।
दरअसल, उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र में रविवार को भारी बारिश हुई। इसके बाद बादल फट गया। इस हादसे में ग्रामीणों के मलबे में दबे होने की सूचना मिली। इस पर एसडीआरएफ की टीम बड़कोट से रवाना हुई। सुदूरवर्ती क्षेत्र मोरी के गांव माकुड़ी, टिकोची और आराकोट भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
माकुड़ी में लोगों के मलबे में दबे होने की खबर है। एसडीआरएफ की टीम बड़कोट से प्रभावित इलाके आराकोट में पहुंच चुकी है। रेस्क्यू टीम के मोरी तक पहुंचने की सूचना है। रास्ता ज्यादा टूटे होने से टीम को प्रभावित गांव में पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मोरी में रेस्क्यू के लिए दो हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं।
आराकोट पहुंची एसडीआरएफ टीम ने बचाव अभियान का काम शुरू कर दिया है। एक घायल को सनेल से आराकोट हॉस्पिटल पहुंचाया गया। लगभग 170 ग्रामीणों को वन विश्राम गृह भेजा गया है। प्रभावित इलाके में एसडीआरएफ की ओर से आपदा राहत पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं।