श्रीनगर (एजेंसी)। जम्मू कश्मीर के हालत को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। सत्यपाल मलिक के न्यौते पर राहुल गांधी ने पलटवार किया है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपके विनम्र निमंत्रण पर नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाख जाउंगा। इसके लिए हमें विमान की जरूरत नहीं है। बस हमें वहां रह रहे लोगों, वहां के नेताओं और जवानों से मिलने की आजादी दी जाए।
राहुल गांधी ने कहा, “प्रिय राज्यपाल मलिक, आपके विनम्र निमंत्रण पर मैं विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को लेकर जम्मू कश्मीर व लद्दाख की यात्रा पर जाउंगा। उसके लिए हमें हमें एक विमान की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कृपया हमे वहां रह रहे लोगों, नेताओ और हमारे सैनिकों से मिलने और घूमने की आजादी दे दें।”
इससे पहले राज्यपाल मलिक ने कहा, “मैंने राहुल गांधी को यहां आने के लिए न्यौता दिया है। मैं आपके लिए विमान भेजूंगा ताकि आप स्थिति का जायजा लीजिए और तब बोलिए। आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और आपको ऐसे बात नहीं करनी चाहिए।” राज्यपाल कश्मीर में हिंसा संबंधी कुछ नेताओं के बयान के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी पार्टी के एक नेता के व्यवहार के बारे में शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए जो संसद में ‘मूर्ख’ की तरह बात कर रहे थे।
शनिवार की रात राहुल गांधी ने कहा था कि जम्मू कश्मीर से हिंसा की कुछ खबरें आयी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पारदर्शी तरीके से इस मामले पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है।
उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 35-ए और अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान सबके लिए समाप्त किए गए हैं। न तो लेह, करगिल, जम्मू, रजौरी और पुंछ में और न ही यहां (कश्मीर) इसे समाप्त करने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण है। इसका कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है।” मलिक ने कहा कि इस मुद्दे को मुठ्ठी भर लोग हवा दे रहे हैं लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे।